जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान कृषि उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी बीकानेर जिले के नोखा के पास जसरासर में आज बड़ा किसान सम्मेलन करने जा रहे हैं। रामेश्वर डूडी के किसान सम्मेलन में सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सभी मंत्रियों, कांग्रेस विधायकों को बुलाया है। वहीं, इस किसान सम्मेलन में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को नहीं बुलाया है। डूडी इस सम्मेलन के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

विपक्ष में रहकर साथ संघर्ष करने वाले सचिन पायलट को सम्मेलन में नहीं बुलाने को नए सियासी समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष में साथी रहे डूडी अब पायलट से अलग हो गए हैं। डूडी ने पायलट को सम्मेलन में बुलाया तक नहीं, इसे दोनों के बीच तल्खियां बढ़ने से जोड़कर देखा जा रहा है।

डूडी का किसान सम्मेलन में गहलोत खेमे का जमावड़ा होगा
डूडी के किसान सम्मेलन में गहलोत खेमे के ज्यादातर नेताओं के जुटने की तैयारी है। सम्मेलन में सीएम, प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष के जुटने से बाकी कांग्रेसी नेता भी शामिल हो रहे हैं। यह सम्मेलन डूडी के साथ गहलोत खेमे का शक्ति प्रदर्शन भी बनता हुआ दिख रहा है। पायलट के पुराने साथी रहे डूडी के इस शक्ति प्रदर्शन को राजस्थान कांग्रेस में अहम सियासी घटना के तौर पर देखा जा रहा है।

पायलट ने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला, अब डूडी के सम्मेलन जरिए पलटवार
सचिन पायलट बीजेपी राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठाकर लगातार सीएम अशोक गहलोत पर सियासी हमले कर रहे हैं। पायलट ने जयपुर में अनशन के बाद भी दो बार गहलोत पर सवाल उठाए। रविवार को भी जयपुर में मीडिया से बातचीत में पायलट ने साफ कहा- करप्शन पर अनशन वाले स्टैंड पर कायम हूं। आगे भी संघर्ष किया जाएगा।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक रामेश्वर डूडी का किसान सम्मेलन और इसमें गहलोत खेमे के नेताओं का जमावड़ा नए सियासी समीकरणों की आहट देता है। इसे पायलट को सियासी जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। रामेश्वर डूडी विपक्ष में रहते हुए पायलट के नजदीकी थे। अब उन्हीं डूडी से पायलट को सियासी जवाब देने की रणनीति अपनाई गई है।

2019 में आरसीए चुनावों में डूडी ने गहलोत को धृतराष्ट्र तक कहा, अब फिर नजदीकियां

रामेश्वर डूडी बीकानेर की नोखा सीट से 2018 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद अक्टूबर 2019 में राजस्थान ​​क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव लड़ने को लेकर डूडी सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ हो गए। वैभव गहलोत के चुनाव में जीत के बाद डूडी ने गहलोत को धृतराष्ट्र तक कहा था। इसके बाद डूडी ने तल्ख लहजे में गहलोत पर निशाना साधा था। गहलोत और डूडी के बीच लंबे समय तक तल्खी रही। साल 2021 में दोनों के बीच यह तल्खी कम हुई। 2021 में डूडी को राजस्थान कृषि उद्योग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। अब नए सियासी समीकरण बनते हुए दिख रहे हैं।

डूडी-गहलोत की नजदीकी के पीछे पायलट फैक्टर

रामेश्वर डूडी के किसान सम्मेलन में गहलोत खेमे के जुटने के पीछे पायलट फैक्टर को कारण माना जा रहा है। गहलोत खेमे ने पायलट फैक्टर को बैलेंस करने के लिए रामेश्वर डूडी के किसान सम्मेलन को चुना है। पायलट के हमलावर रुख से गहलोत कैंप के सामने सियासी परसेप्शन के मोर्चे पर चुनौतियां दिख रही हैं। अब किसान सम्मेलन के नाम पर गहलोत खेमा ताकत दिखाकर पायलट को जवाब दे रहा है।

डूडी और पायलट ने विपक्ष में रहते साथ आंदोलन किए
कांग्रेस के विपक्ष में रहने के दौरान नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी और सचिन पायलट ने साथ-साथ कई कार्यक्रम किए। सरकार के खिलाफ पैदल यात्रा करने के अलावा धरने प्रदर्शनों में भी साथ रहे थे। आज दोनों के रास्ते अलग अलग हो चुके हैं।

विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण के समय ही डूडी, पायलट के रिश्ते बिगड़ने शुरू हुए

सचिन पायलट और रामेश्वर डूडी विपक्ष में रहते हुए खूब नजदीक रहे, लेकिन नवंबर 2018 में टिकटों को लेकर दोनों के रिश्ते बिगड़ने शुरू हुए थे। रामेश्वर डूडी अपने समर्थकों को टिकट की मांग को लेकर सचिन पायलट से कांग्रेस की बैठकों में भिड़ गए थे। दोनों के बीच तल्खी की शुरुआत वहीं से हो गई थी। बाद में धीरे-धीरे रिश्तों में वैसी गर्मजोशी नहीं रही। अब दोनों के बीच सियासी दूरियां बढ़ने के साफ संकेत मिल गए हैं।

डूडी ने जाट सीएम का नारा देकर पायलट की सीएम दावेदारी भी सवाल उठा दिए

जयपुर में पिछले महीने हुए जाट महाकुंभ के दौरान रामेश्वर डूडी ने मंच से जाट सीएम का नारा देकर सचिन पायलट की सीएम पद पर दावेदारी को सवालों में ला दिया। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जाट सीएम के नारे के बाद से पायलट-डूडी के बीच तल्खियां और बढ़ी हैं। सचिन पायलट लगातार सीएम पद की दावेदारी कर रहे हैं। डूडी ने जाट चेहरे को सीएम बनाने की मांग रखकर पायलट के लिए सियासी दुविधा पैदा कर दी। पायलट का किसान जातियों में अच्छा खासा समर्थक वर्ग है, लेकिन जाट महाकुंभ के नारे ने दोनों के सियासी रिश्तों में तल्खी ला दी है।

डूडी के किसान सम्मेलन में गहलोत समर्थकों के जमावड़े से नया सियासी मैसेज
डूडी के किसान सम्मेलन को खुद के शक्ति प्रदर्शन के साथ गहलोत समर्थकों के एकजुटता दिखाने के सियासी मैसेज के तौर पर देखा जा रहा है। इस ताजा घटनाक्रम के बाद डूडी के किसान सम्मेलन की तुलना सचिन पायलट की सभाओं से भी होगी। सचिन पायलट खेमे में रहे डूडी का अब अलग लाइन लेकर चलना नए समीकरण की तरफ इशारा माना जा रहा है। कांग्रेस में दोनों खेमों के बीच बढ़ती खींचतान के बीच इस किसान सम्मेलन ने नए समीकरणों की आहट दे दी है। इस सम्मेलन के बाद सचिन पायलट भी फील्ड में उतरने की तैयारी में हैं।