जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।   

राजस्थान की 200 से ज्यादा नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका) में 30 हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए की गई घोषणा पर विवाद शुरू हो गया है। नगर निगम जयपुर की संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने इन भर्ती में 100 फीसदी पद वाल्मिकी समाज के लोगों से ही भरने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने भर्ती की विज्ञप्ति में आरक्षण का प्रावधान रखा तो जयपुर समेत समस्त शहरों में सफाई कर्मचारी आंदोलन करेंगे।

संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने आज दोपहर में मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 30 हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती का एलान किया है। डंडोरिया ने कहा कि अगर सरकार आरक्षण के साथ सफाई कर्मचारियों की भर्ती विज्ञप्ति निकालती है तो वाल्मिकी समाज इसका विरोध करेगा। प्रदेश के समस्त सफाई कर्मचारी, जमादार, एसआई, सीएसआई सहित समाज के सभी लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगा। डंडोरिया ने कहा कि इस साल 18 जनवरी और 15 अप्रैल को सरकार के साथ हुए समझौते में साफ किया था कि सफाई कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाएगी।

यह भी तय हुआ था कि 2018 से पूर्व मस्टरोल ठेके पर कार्यरत सफाई कर्मचारियों को अनुभव में प्राथमिकता दी जाएगी। मगर सरकार आरक्षण के साथ भर्ती निकाल रही है। ऐसे में वाल्मीकि समाज के अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर आरक्षण के साथ भर्ती निकाली तो हम आंदोलन की राह पकड़ेंगे। डंडोरिया ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय में जो भर्ती निकाली गई उसमें आरक्षण व्यवस्था लागू की थी। उस कारण से अन्य समाज के लोग भी सफाई कर्मचारी बन गए, जो आज भी सफाई का काम नहीं कर रहे हैं।

जब साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुए तो हमने कांग्रेस को वोट देकर भाजपा को सबक सिखाया था। अगर कांग्रेस सरकार ने भी यही किया तो उसे भी सबक सिखाएंगे। डंडोरिया ने दावा है कि प्रदेश में 37 विधानसभा सीटों पर वाल्मीकि समाज जीत-हार में अहम योगदान देता है।