कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।  

हाड़ौती संभाग में गेहूं की बंपर पैदावार हुई। किसान अपना माल बेचने मंडी में आने लगे है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के खरीद केंद्र शुरू नहीं होने से किसानों को व्यापारियों को माल बेचना पड़ रहा है। इससे किसानों को 150 से 175 रूपए का नुकसान हो रहा है। सिस्टम की लेटलतीफी से किसानों को हो रहे नुकसान के विरोध में बीजेपी देहात के पदाधिकारियों ने FCI ऑफिस में अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। 1 अप्रैल से सरकारी खरीद केंद्र चालू करने की मांग रखी।

देहात अध्यक्ष मुकुट नागर ने बताया- पिछले 10 दिनों से भामाशाह मंडी में 70 से 80 हजार बोरी गेंहू आ रहा है। सरकारी खरीद की दर 2125 रूपए है। FCI की लेटलतीफी से किसानों को 1900 से 1950 रूपए में गेंहू बेचना पड़ रहा है। जिससे किसानों को रोज 1 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

बीजेपी नेता लोकेंद्र सिंह राजावत ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम ने 20 मार्च से सरकारी खरीद केंद्र चालू करने की घोषणा की थी। लेकिन 10 दिन गुजर जाने के बाद भी खरीद केंद्र शुरू नहीं हुए। जिसके कारण किसानों को खुले बाजार में गेहूं बेचना पड़ रहा है। बाजार में किसान को 1900 से 1950 रूपए गेहूं की कीमत मिल रही है। किसानों को सरकारी दर से 150 से 175 रूपए कम कीमत पर गेहूं बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

जिससे किसानों को रोजाना करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मांग की 1 अप्रैल से सभी केंद्र पर गेहूं खरीद शुरू की जाए। और किसानों को टोकन दिया जाए। जिससे अव्यवस्था में हो। और बारी बारी से किसानों का नंबर आ सके।