जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
श्रुति मंडल ,कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा 45 वा राजमल सुराणा स्मृति समारोह में देश की विख्यात शास्त्री गायका अश्विनी भिड़े देशपांडे एवं शास्त्री गायक संजीव अभ्यंकर ने जसरंगी जुगलबंदी की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में राजमल सुराणा सम्मान देश की विख्यात गायिका विदुषी अश्विनी भिड़े को गलता पीठ ईश्वर अवधेशशाचार्य, कुशल चंद सुराणा, विमल सुराणा, शोभा सुराणा, चंद्र प्रकाश एवं प्राचीर सुराणा ने 1लाख रूपए का नगद पुरस्कार, स्मृति चिन्ह, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम जसरंगी जुगलबंदी में महिला और पुरुष के अपने-अपने स्केल के मुताबिक गाया जाता है। इस जुगलबंदी में महिला कलाकार का जो स्वर मध्यम है, पुरुष कलाकार का सा होगा। 
कलाकार विदुषी अश्विनी भिड़े देशपांडे और संजीव अभ्यंकर ने कार्यक्रम की शुरुआत ओम श्री अनंत हरिनारायण तरनतारन ओम से की। इसके बाद उन्होंने एक भजन और कार्यक्रम का समापन भैरवी गाकर की। इनके साथ तबले पर अचिंत्य जोशी और आशय कुलकर्णी तथा हारमोनियम पर अभिनय  रावड़े  व अभिषेक शिनकर ने शानदार संगत की।तानपुरे पर अमीषा शर्मा और डॉ आलाप देवड़ा ने संगत की।महाराष्ट्र सिंधुदुर्ग के कलाकार हर्ष नकाशे जो कि शास्त्रीय गायक संजीव अभ्यंकर के शिष्य हैं को 51 हजार रूपए पद्मश्री स्वर्गीय प्रकाश चंद्र सुराणा छात्रवृत्ति प्रदान की गई। कार्यक्रम में कलाकारों को चंद्रप्रकाश सुराणा और प्राचीर सुराणा ने देकर अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन अनंत व्यास ने किया। 5 जनवरी को सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक राकेश चौरसिया का बांसुरी वादन 7 बजे आयोजित होगा।