जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मकर संक्रांति पर सूर्य की पहली किरण के साथ राजधानी में पतंगबाजी का दौर शुरू हुआ। पूरे दिन जमकर वो काटे का शोर गूंजा। डीजे साउंड के साथ फिल्मी गीतों पर लोग छतों पर ही जमकर थिरके और शाम ढलने के साथ ही दीपावली का नजारा देखने को मिला। शहरवासियों ने जमकर आतिशबाजी की और आसमान विश लैंप से अट गया। वहीं अब आज दान-पुण्य का दौर शुरू होगा। त्योहारों को लेकर जयपुरवासियों में कितना जुनून है, इसकी बानगी मकर सक्रांति पर्व के दौरान देखने को मिली। जहां दिनभर पतंगबाजी का दौर रहा। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से गुलजार हुआ। वहीं शाम होने के साथ ही जयपुर के हर घर से विश लैंप (लालटेन, कंडिले) उड़ाए गए और आसमान आतिशबाजी की रोशनी से नहा गया। वहीं शाम 7:00 बजे डीजे साउंड पर फिल्मी गानों की जगह एक साथ हनुमान चालीसा के पाठ हुए। लोगों ने बीते सालों में कोरोना के दौर से आगे बढ़कर पहले साल 2023 का स्वागत किया और इसके बाद मकर सक्रांति पर विश्व लैंप उड़ाते हुए इसी तरह त्योहार मनाने और सुख-समृद्धि और शांति की कामना की। लोगों ने ये कामना करते हुए विश लैंप उड़ाए, जो आसमान में टिमटिमाते हुए तारों के समान प्रतीत हुए। छोटी काशी के आसमान में मकर सक्रांति पर सुबह से लेकर शाम तक बिखरे रंगों ने ये साबित कर दिया कि जयपुरवासी हर त्योहार को पूरी शिद्दत से मनाने में विश्वास रखते हैं। अब 15 जनवरी को महिलाओं के 14 वस्तुएं कलपने और गरीबों को दान कर पुण्य कमाने का दौर चलेगा। बता दें, कि शनिवार रात 8:45 सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश कर गया है। इससे सूर्य की उत्तरायण गति शुरू होने से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। वहीं सक्रांति के निमित्त पुण्य काल का सर्वश्रेष्ठ समय रविवार सुबह 7:21 से दोपहर 12:45 तक रहेगा। 5 साल बाद रविवार के दिन मकर सक्रांति का पुण्य काल का संयोग भी बन रहा है।