जयपुर-ललित शर्मा।
जजों की कमी और लाखों मुकदमों के अंबार से जूझ रही न्यायपालिका के लिए रहे राजस्थान हाईकोर्ट को अब 9 नए जज मिले है। केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति ने राजस्थान हाईकोर्ट के लिए 9 जजों की नियुक्ति की है। राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल 9 जजों को सोमवार सुबह 10 बजे मुख्य पीठ जोधपुर में शपथ दिलाएँगे । इन जजों में अधिवक्ता गणेश मीणा का नाम भी शामिल है, जिनके नाम को केन्द्र ने करीब डेढ वर्ष बाद मंजूरी दी है।
नए जजों की नियुक्ति में अधिवक्ता कोटे से नूपुर भाटी का नाम भी शामिल है। नुपुर भाटी के पति जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी भी राजस्थान हाईकोर्ट में जज है। देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है कि किसी हाईकोर्ट में एक साथ दो जज दंपति कार्यरत है।नए जजों की नियुक्ति के साथ राजस्थान हाईकोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या 26 से बढ़कर 35 हो जाएगी। राजस्थान हाईकोर्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 23 नवंबर 2022 को 8 नाम की सिफारिश की थी जिसमें न्यायिक अधिकारी कोटे से 6 नाम के साथ ही अधिवक्ता कोटे के 2 नाम शामिल थे।.कॉलेजियम की सिफारिश को केंद्र द्वारा मंजूर करने के बाद राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी हुए नियुक्ति आदेश में अधिवक्ता कोटे से अनिल उपमन, गणेश मीणा और नुपुर भाटी को राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। वही न्यायिक अधिकारी कोटे से डीजे राजेन्द्र सोनी, डीजे अशोक जैन, डीजे योगेन्द्र पुरोहित, डीजे भुवन गोयल, डीजे प्रवीर भटनागर, डीजे मदनलाल भाटी और आशुतोष मिश्रा को जज नियुक्त किया गया है।
मई 2020 की सिफारिश।
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए जजों में अधिवक्ता गणेश मीणा का नाम भी शामिल है। गणेश मीणा के नाम की सिफारिश राजस्थान हाईकोर्ट ने मई 2020 में सिफारिश की थी। तत्कालीन चीफ जस्टिस इन्द्रजीत माहंति की अध्यक्षता में राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 30 और 31 मई 2020 को हुई कॉलेजियम की बैठक में अधिवक्ता कोटे से भेजे गए 12 नाम में अधिवक्ता गणेश मीणा का नाम भी शामिल था। राजस्थान हाईकोर्ट के मई 2020 की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 1 सितंबर 2021 को पहली बैठक कर एडवोकेट सुदेश बंसल, एडवोकेट अनूप ढँढोर और एडवोकेट गणेश मीणा के नाम की सिफारिश केंद्र को भेजी थी। केन्द्र सरकार ने सितंबर 2021 को इस सिफारिश में से एडवोकेट सुदेश बंसल और अनूप ढंढ के नाम को मंजूरी दे दी, लेकिन एडवोकेट गणेश मीणा का नाम पेंडिंग रखा गया, जिनके नाम को अब मंजूरी दी गई। गौरतलब है अधिवक्ता गणेश मीणा एससी एसटी वर्ग से आते है। साथ ही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे हैं।
पूर्व सीजे कुरैशी ने की थी सिफारिश।
पूर्व चीफ जस्टिस अकील कुरैशी की अध्यक्षता में राजस्थान हाई कोर्ट कॉलेजियम ने 10—11 फरवरी 2022 को बैठक करते हुए कुल 16 नाम की सिफारिश भेजी थी। जिसमें से हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 न्यायिक अधिकारी और 2 अधिवक्ताओं के नाम को केन्द्र के पास भेजा था।राजस्थान हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों को भरने के हाई कोर्ट कॉलेजियम की 10—11 फरवरी 2022 को बैठक हुई। तत्कालीन चीफ जस्टिस अकील कुरैशी की अध्यक्षता में हाई कोर्ट कॉलेजियम ने 16 नए नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेज थी। भेजी गयी सिफारिश में एडवोकेट कोटे से अनिल उपमन, राजेश महर्षि, सुनिल समदड़िया, अंगद मिर्धा, नुपूर भाटी, संदीप शाह, संजय नाहर और दिनेश मेनारिया का नाम शामिल था।वही डीजे कोटे से राजस्थान हाईकोर्ट ने 8 नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजी थी। जिसमें डीजे राजेन्द्र सोनी, डीजे अशोक जैन, डीजे एस पी काकड़ा, डीजे योगेन्द्र पुरोहित, डीजे भुवन गोयल, डीजे प्रवीर भटनागर, डीजे मदनलाल भाटी और आशुतोष मिश्रा के नाम शामिल हैं।
खत्म हुआ संशय।
पूर्व चीफ जस्टिस अकील कुरैशी राजस्थान हाईकोर्ट से 6 मार्च 2022 को अपने पद से सेवानिवृत हुए थे। सेवानिवृति से करीब 24 दिन पूर्व यानी 10-11 फरवरी 2022 को उनके द्वारा ये सिफारिशें भेजी गयी। केन्द्र सरकार को इसी बैठक को लेकर पहली आपत्ति थी। केन्द्र के अनुसार रिटायरमेंट से एक माह की अवधि के भीतर चीफ जस्टिस कॉलेजियम नहीं कर सकते थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को पॉवर हैं वो इस शिकायत को नजरअंदाज कर सकता हैं। राजस्थान हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गये इन नामों को लेकर पहले से ही संशय बना हुआ था, लेकिन केन्द्र के पास फाइल पहुंचने के बाद एडवोकेट कोटे के कई नामों पर रजामंदी नहीं बन पाने की खबरें आती रही। अभी हाईकोर्ट में स्वीकृत 50 पदों पर सीजे सहित 21 जज ही कार्यरत हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व में न्यायिक अधिकारी कोटे के वापस भेजे गए नौ नामों को पुन: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेज दिया गया है। लेकिन हाईकोर्ट में नए जजों की नियुक्ति का रास्ता सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसा के बाद ही साफ होगा।
नालसा के सदस्य सचिव है डीजे जैन।
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए नामों में न्यायिक अधिकारी कोटे से जज अशोक कुमार जैन का नाम भी शामिल है। वर्तमान में जज अशोक कुमार जैन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव है। डीजे अशोक कुमार जैन को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण में 30 जून 2020 को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया, जिसके बाद से ही वे निरंतर इस पद पर कार्यरत है। डीजे अशोक कुमार जैन ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव रहते हुए विधिक सेवा के मामले में बेहतर कार्य किया था, जिसके बाद उन्हे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव के रूप में क्रमोन्नत किया गया।
दो जज दंपत्ति वाला पहला हाईकोर्ट।
नए जजों की नियुक्ति के साथ राजस्थान हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट बन गया है जहां पर एक साथ दो दंपति जज हो गए है। राजस्थान हाईकोर्ट में पहले से ही जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस शुभा मेहता जज दंपति के रूप में कार्यरत हैं।नए जजों की नियुक्ति में अधिवक्ता कोटे से नूपुर भाटी की नियुक्ति हुई है। नूपुर भाटी के पति जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी भी राजस्थान हाईकोर्ट में वरिष्ठ जज है। नुपुर भाटी की नियुक्ति के साथ ही अब ये दूसरी बार है कि पति और पत्नी दोनो ही हाईकोर्ट के जज बने है। नुपुर भाटी की नियुक्ति से अब राजस्थान हाईकोर्ट में दो जज दपंति हो गए है।