जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने 16 एवं 17 जनवरी को मंत्रियों के प्रस्तावित चिंतन शिविर को लेकर निर्धारित समय में प्रजेंटेशन तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रजेंटेशन संक्षिप्त, स्पष्ट एवं सारगर्भित होने चाहिएं। सीएस उषा शर्मा ने शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में चिंतन शिविर की तैयारियों की समीक्षा कर रहीं थीं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग अपने प्रजेंटेशन में वर्षवार बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की स्थिति, जनघोषणाओं की क्रियान्विति की स्थिति, प्रगतिरत प्रमुख घोषणाओं की स्थिति, अप्रारम्भ कार्यों की स्थिति एवं विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं की स्थिति के सम्बन्ध में समुचित अनुपात में विवरण शामिल करें। उन्होंने कहा कि प्रजेंटेशन में सामग्री के दोहराव से बचा जाए साथ ही निर्धारित प्रारुप में एवं निश्चित टेम्पलेट्स के साथ प्रजेंटेशन तैयार किए जाएं ताकि उनमें एकरुपता हो।सीएस उषा शर्मा ने कहा कि प्रजेंटेशन अधिकतम 10 स्लाइड्स में होना चाहिए। इसमें प्रगतिरत एवं अप्रारम्भ कार्यों के साथ ही विभाग की उपलब्धियां भी संतुलित रुप में में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रजेंटेशन के लिए विभागों के पास अलग-अलग टाइम स्लॉट होगा जो सम्बन्धित विभाग से जुड़ी घोषणाओं की संख्या के अनुरुप तय किया गया है।अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रजेंटेशन निर्धारित समय अवधि में समाप्त हो। मुख्य सचिव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं शासन सचिवों को निर्देशित करते हुए कहा कि चूंकि प्रजेंटेशन मंत्रियों द्वारा दिए जाएंगे लिहाजा वे अपने विभाग के मंत्री के साथ बैठकर प्रजेंटेशन पर चर्चा करें। उन्होंने 12 जनवरी दोपहर तक अपने प्रजेंटेशन आयोजना सचिव के कार्यालय में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। सीएस उषा शर्मा ने बैठक में चिंतन शिविर के दौरान विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि हरीश चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में यह दो दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित होगा जिसमें सभी विभागों के कामकाज की समीक्षा होगी। बैठक में सभी विभागों के उच्चाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए जबकि प्रमुख सचिव, कार्मिक विभाग हेमन्त गेरा, शासन सचिव, आयोजना विभाग भवानी सिंह देथा एवं शासन सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय गौरव गोयल बैठक में उपस्थित रहे।