जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए साल पर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के लिए 15 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रोविजन किया है। राजस्थान में बुजुर्गों की फ्री तीर्थयात्रा के लिए यह भुगतान IRCTC को किया जाएगा।गहलोत सरकार की ओर से मंजूर इस एडिशनल 15 करोड़ रुपए की राशि का इस्तेमाल दिसम्बर 2022 और जनवरी, 2023 तक चलने वाली रेल यात्रा के लिए किया जाएगा। CM गहलोत ने साल 2022-23 के बजट में ' वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में यात्रियों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार करने की घोषणा की थी। योजना के लिए अलॉट कुल अमाउंट 10 करोड़ में से 9.64 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने एडिशनल बजट प्रोविजन किया है।
60 साल से ज्यादा उम्र वालों को ट्रेन और हवाई जहाज से फ्री तीर्थयात्रा।
राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना चलाई जा रही है। यह स्कीम राजस्थान के मूल निवासी 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए है। स्कीम की शर्त यह है कि यात्रा के लिए आवेदन करने वाला इनकम टैक्स पेयर की कैटेगरी में नहीं आता हो। ऐसे बुजुर्गों को जीवन में एक बार देश या देश के बाहर स्थित विभिन्न तय तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा कराने के लिए राजस्थान सरकार सरकारी सुविधा और सहायता देती है।
इन स्थानों पर रेल-हवाई जहाज तीर्थ यात्रा।
स्कीम में साल 2013 में रेल यात्रा शुरू की गई थी। इसके बाद साल 2016 में हवाई यात्रा को शामिल किया गया। इसमें ट्रेन से रामेश्वरम-मदुरई, जगन्नाथपुरी, तिरूपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन, सम्मेद शिखर-पावापुरी, उज्जैन-ओंकारेश्वर, गंगासागर (कोलकाता), कामाख्या (गुवाहाटी), हरिद्वार-ऋषिकेश, बिहार शरीफ और वेलनकानी चर्च (तमिलनाडू) तीर्थ यात्रा कराई जा रही है। जबकि हवाई जहाज से नेपाल में पशुपतिनाथ-काठमांडू के दर्शन कराए जा रहे हैं। स्कीम में लॉटरी निकालकर यात्रा करवाई जाती है।
20 हजार है तीर्थ यात्रियों की संख्या।
18 हजार यात्रियों को रेल मार्ग से और 2 हजार यात्रियों को हवाई मार्ग से यात्रा करवाई जा रही है। यह यात्रा पूरी तरह फ्री है। यात्रा का पूरा खर्च राजस्थान सरकार का देवस्थान विभाग करता है। सलेक्टेड यात्रियों को मेडिकल और रिपोर्टिंग सहित किसी भी नाम से कोई फीस या चार्ज नहीं देना होता है। रिपोर्ट करने से लेकर यात्रा सम्पन्न होने तक सभी व्यवस्थाएं राजस्थान सरकार की ओर से की जाती हैं।

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