चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
चित्तौड़गढ़ नगर परिषद मे दो दिन पूर्व हुई सफाई जमादारों की डीपीसी में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग को लेकर अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बारे में जानकारी देते हुए जिला अध्यक्ष राजेश कोदली ने बताया कि नगर परिषद चित्तौड़गढ़ में स्वास्थ्य जमादार की 28 दिसंबर 2022 को हुई डीपीसी में पूर्णतया नियम विरुद्ध होने के साथ राजनीतिक इच्छा,अनियमितता और भ्रष्टाचार से हुई है। उन्होंने बताया कि इस डीपीसी के विरोध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें प्रमुख रुप से डीपीसी को निरस्त करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर 2022 को जारी हुई वरिष्ठता की सूची में कुल सफाई कर्मचारियों की संख्या 395 है। इस आधार पर 16 सफाई जमादार की आवश्यकता है वर्तमान में नगर परिषद में 10 जमादार कार्यरत हैं, शेष 6 पदों के लिए डीपीसी होनी थी तो 14 पदों की डीपीसी कैसे हो गई यह सबसे बड़ा जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि जमादार पद के लिए शैक्षणिक योग्यता के अनुसार शैक्षणिक सफाई कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची जारी नहीं कर के राजनीतिक और मनमाने तरीके से यह डीपीसी की गई है। जिसमें पूरी तरह से भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है। उन्होंने जिला जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में आगाह किया कि 15 दिवस के अंदर उपरोक्त सभी बिंदुओं पर राजनीतिक दबाव और भ्रष्टाचार से हुई इस डीपीसी 15 से करते हुए नए डीपीसी करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अगर उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो सफाई कर्मियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला करना पड़ेगा।