सवाई माधोपुर-हेमेन्द्र शर्मा।
सवाई माधोपुर जिले के चर्चित सीआई फूल मोहम्मद हत्याकाण्ड मामले में शुक्रवार को जिला विशेष न्यायालय एससी एसटी ने 30 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने सभी 30 आरोपियों को धारा 302 में 50 - 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड सहित अन्य धाराओं में भी दंडित किया है।न्यायालय ने सभी आरोपियों को अन्य धाराओं में भी अलग अलग अर्थदण्ड से दंडित किया है । गौरतलब है की सुरवाल कस्बे में करीब 11 साल 8 माह पूर्व 17 मार्च 2011 में पुलिस इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को जीप में जिंदा जला दिया गया था। मामले की जांच एजेंसी सीबीआई ने दो बाल अपचारी सहित 89 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था। 
लगभग 11 साल 8 माह की न्यायिक ट्रॉयल के दौरान मामले से जुड़े पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि तीन आरोपी अभी भी फरार है।वही दो बाल अपचारियों के विरुद्ध प्रकरण विचाराधीन है । ऐसे में न्यायालय ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह कालबेलिया व मानटाउन थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह सहित 79 लोगों के खिलाफ अपना महत्वपूर्ण फैसला दिया । जिसमें न्यायालय ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र सिंह कालबेलिया सहित 30 आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने सभी 30 आरोपियों को अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। न्यायालय ने तत्कालीन कोतवाली थानाधिकारी सुमेर सिंह सहित 49 आरोपियों को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है। दरअसल सवाई माधोपुर के सूरवाल में 17 मार्च 2011 को लोग मृतका दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और पीडि़त के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे थे। इसी दौरान राजेश मीणा व बनवारी लाल मीना नामक युवक बोतलों में पेट्रोल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी देने लगे। बनवारी को लोगों ने समझाईश कर नीचे उतार लिया, लेकिन राजेश मीना पेट्रोल से खुद को आग लगाकर टंकी से नीचे कूद गया। जिससे उसकी मौत हो गई थी । राजेश की मौत के बाद घटना से गुस्साए लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से सूरवाल में तैनात मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद व पुलिस जवानों पर पथराव कर दिया। जान बचाने के प्रयास में फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे तो भीड़ ने उन पर पथराव कर दिया। जीप में मौजूद पुलिसकर्मी जैसे-जैसे वहां से भाग गए। पत्थर लगने से फूल मोहम्मद जीप में घायल हो गए। बाद में भीड़ ने जीप को पेट्रोल छिडकऱ आग के हवाले कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना के समय मौके पर पुलिस अधिकारी के रूप में तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह कालबेलिया मौजूद थे और पूरी कार्रवाई उनकी निगरानी में ही हो रही थी। जब सीआई फूल मोहम्मद पुलिस जीप में फंस गए थे, तभी उनकी गाड़ी में आग लगा कर जिंदा जला दिया गया। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी कालबेलिया पर आई। जांच के दौरान भी सीबीआई ने महेंद्र सिंह को उक्त हत्याकांड के लिए दोषी माना था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार उक्त हत्याकांड में पूर्व डीएसपी कालबेलिया का जुर्म साबित करने में मानटाउन थाने का हिस्ट्री शीटर बदमाश संजय बिहारी सबसे अहम गवाह था। संजय के बयान न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष होने से पहले ही उसकी जयपुर में हत्या हो गई। जिले के चर्चित मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद हत्याकाण्ड प्रकरण में न्यायालय द्वारा 79 आरोपियों के खिलाफ अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया ,न्यायालय ने 30 आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । साथ ही सभी आरोपियों को अर्थदण्ड से भी दंडित किया है साथ ही न्यायालय ने सभी आरोपियों को अलग अलग धाराओं में भी दंडित किया है । वही न्यायालय ने 49 आरोपियों को दोष मुक्त कर देते हुवे बरी कर दिया है । न्यायालय द्वारा तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र सिंह सहित राधेश्याम माली, परमानंद , बबलू , पृथ्वीराज, रामचरण, चिरंजीलाल, शेर सिंह, हरजी, रमेश मीणा , कालू, बजरंगा खटीक,मुरारी मीणा, चतुर्भुज मीणा, बनवारी, रामकरण, हंसराज, शंकर माली, बनवारी लाल मीणा,धर्मेंद्र मीणा, योगेंद्र नाथ, बृजेश हनुमान, रामजीलाल , माखन सिंह, रामभरोसी मीणा, मोहन माली,मुकेश माली, श्यामलाल आदि शामिल है । न्यायालय द्वारा सुनाए गये फैसले के बाद सभी 30 आरोपियों को पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया है । न्यायालय द्वारा सुनाए गये फैसले के दौरान न्यायालय परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा । वही कोर्ट परिसर के बाहर आरोपियों के परिजनों की भीड़ जमा रही।पुलिस द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच अभी आरोपियों को जेल में शिफ्ट कर दिया गया।