करौली ब्यूरो रिपोर्ट।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीना ने शनिवार को कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में जंगल सफारी का उद्घाटन किया। मंत्री ने खान की चौकी से जिप्सी को हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी की शुरुआत की। इसके बाद मंत्री रमेश चंद मीना और डीएफओ डॉ रामानंद भाकर ने जंगल सफारी का लुत्फ उठाया। इस अवसर पर वन विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। जंगल सफारी शुरू होने के बाद करौली जिले को पर्यटन के क्षेत्र में खास पहचान मिलेगी। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि करौली जिले को लम्बे समय से कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य में सफारी शुरू होने का इंतजार था।
जो आज पूरा हो गया है। जंगल सफारी को लेकर लोगों में काफी खुशी है। इसके बाद अभयारण्य क्षेत्र में देश-विदेश से सैलानियों के आने और अभयारण्य क्षेत्र के विकास से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। वही करौली जिले को पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तो ज़ाहिर तौर पर स्थानीय छोटे व्यवसायियों को सीधा फायदा भी होगा। साथ ही लोगों को सीधे प्रकृति से जुड़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभयारण्य क्षेत्र में बसे लोगो को अच्छे स्थान पर विस्थापित किया जाना चाहिए। आज की महंगाई को देखते हुए, मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि अभयारण्य क्षेत्र के विस्थापित परिवारों को कम से कम 25 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलनी चाहिए। जिससे लोग ठीक से अपना जीवनयापन कर सकें।
इन तीन रूटों पर की गई है जंगल सफारी की शुरुआत।
खान की चौकी से खोड़ा का नाला-इस क्षेत्र में पर्यटकों को काफी अच्छे और सुंदर प्राकृतिक नज़ारों के साथ ही लुप्त प्रजाति के वन्यजीव देखने को मिलेंगे। खासकर यहां भालू दिखने की संभावना है।

रामपुरा से कूरतकी ग्वाडी
यहां पर्यटकों को टाइगर देखने को मिलेगा। वर्तमान में टाइगर मूवमेंट यहां देखा गया है और तीन से चार टाइगर इस क्षेत्र में घूम रहे हैं।
इस क्षेत्र में इस क्षेत्र में हमेशा भेड़िये का मूवमेंट रहता है। पर्यटकों को चिंकारा, चीतल और अन्य वन्य जीव भी दिखेंगे। बरसाती मौसम में महेश्वरा नाम का खूबसूरत झरना भी यहां दिखता है।