पाली-मनोज शर्मा।
जवाई बांध में पेयजल के लिए कम से कम दो वर्ष का पानी आरक्षित रखने की मांग को लेकर विधायक ज्ञानचंद पारख के नेतृत्व में भाजपा एवं पाली के नागरिकों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात की। इस दौरान विधायक ज्ञानचंद पारख ने कलेक्टर नमित मेहता को बताया कि पिछले वर्षो में जवाई बांध में उपलब्ध पानी का वितरण सही तरीक़े से नहीं किए जाने के कारण इस मतर्बा पाली शहर सहित पूरे जिले में भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई थी, और आम जन को जबरदस्त पेयजल संकट का सामना करना पड़ा था। स्थिति विकट होने पर वाटर ट्रेन से जोधपुर से पानी मंगवाना पडा था और इस पर भी सरकार की भारी धनराशि खर्च हुई थी। आगे फिर से इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न नहीं हो इसलिए पानी का सिंचाई एवं पेयजल के लिए विवेकपूर्ण तरीके से बंटवारा किया जाए न कि किसी के दबाव में।
डेढ वर्ष का पानी आरक्षित रखने का दिया आश्वासन।
विधायक पारख ने बताया कि उन्होने कलेक्टर से आग्रह किया है कि जब तक जवाई पुनभर्रण योजना, राजीव गांधी लिफट कैनाल योजना एवं नबर्दा परियोजना का पानी पाली जिले को नहीं मिलता है तब तक जवाई कमांड के काश्तकारों से बात कर उन्हे पेयजल के लिए दो वर्षों का पानी आरक्षित रखने के लिए सहमत किया जाए। इस पर कलेक्टर नमित मेहता ने जवाई बांध में पेयजल के लिए कम से कम डेढ़ वर्ष का पानी आरक्षित रखने का अश्वासन दिया है। इस दौरान नगरपरिषद सभापति ललित प्रितमानी, पूवर् उपसभापति मूलसिंह भाटी, जिला कोषाध्यक्ष रामकिशोर साबू, पाषर्द राधेश्याम चैहान, गणपत मेघवाल, विकास बुबकिया, लूणसिंह राजपुरोहित, पूर्व पाषर्द अशोक बाफना, मुकेश गोस्वामी, सुरेश चैधरी, मंडल अध्यक्ष मुकेश नाहर, नरपत दवे, मानवेन्द्र सिंह भाटी, रमेश परिहार, राजेन्द्र सिंह, दीपक सोनी एवं बहादुर सिंह राठौड सहित दजर्नों भाजपा कार्यकर्ता एवं आम नागरिक मौजूद रहे।
पाली कर चुका है जबरदस्त पेयजल संकट का सामना।
गौरतलब है कि इस वर्ष जवाई के रीत जाने के कारण पाली शहर सहित पूरे जिले में जबरदस्त पेयजल संकट उत्पन्न हो गया था। जलदाय विभाग द्वारा पेयजलापूर्ति का अंतराल 120 घंटे में कर दिया गया था। इसके उपरांत भी जिला मुख्यालय पर दजर्नों कालोनियों में हालात यह थे कि यहां पर 8 से 10 दिन तक नलों में पानी नहीं आता था। पेयजल संकट से त्रस्त नागरिकों द्वारा जिला मुख्यालय पर किसी ना किसी क्षेत्र में धरना प्रदशर्न और रास्ता जाम किया जाता था। स्थितियां इतनी बिगड चुकी थीं कि जलदाय विभाग के कमर्चारियों के साथ भी समझाइश के दौरान मारपीट की घटनाएं हुई थी। पेयजल संकट का फायदा उठाते हुए टैंकर चालकों ने इस बार जमकर चांदी कूटी और पानी की दरों की मनमानी दरें वसूली। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा आमजन के हित में कुओं को अधिकृत कर पानी के टैंकरों की दरें निधार्रित कर दी गई थी फिर भी जनता को खुल लूटा गया। जाधपुर भगत की कोठी से पाली तक पानी की रेल लाने पर प्रतिदिन लाखो रूपए खर्च करने के उपरांत भी पाली शहर में पानी की जबरदस्त किल्लत रही। इन स्थितियों में जनप्रतिनिधि एवं आमजन की यह मांग है कि जवाई बांध में इस बार भरपूर पानी होने के कारण दो वर्ष का पानी पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाए और शेष पानी सिंचाई के लिए दिया जाए ताकि यदि अगले साल समय पर बारिश नहीं हो तो फिर से इस प्रकार के विकट हालात उत्पन्न नहीं हों।
पूर्व में भी हो चुके हैं प्रदर्शन।
इससे कुछ दिन पहले सेवा और संकल्प महासमिति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जबरसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में पेयजल के लिए 4200 एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए आरक्षित रखने एवं जल वितरण समिति की बैठक सुमेरपुर के बजाय पाली में आयोजित करने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदशर्न कर चुकी है।
अब बैठक को लेकर रार।
एक ओर जवाई बांध में उपलब्ध पानी के पेयजल एवं सिंचाई के लिए आरक्षण को लेकर जल वितरण उपयोक्ता समिति की बैठक 10 अक्टूबर को जिला परिषद सभागार पाली में आयोजित की जाएगी।गौरतलब है कि इससे पहले यह बैठक सुमेरपुर में आयोजित होती रही है जिसको लेकर किसानों में रोष है और वे यह बैठक सुमेरपुर में ही आयोजित करना चाहते हैं। आगामी 10 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे जिला परिषद सभागार मेे यह बैठक संभागीय आयुक्त कैलाशचंद मीणा की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। जिसकी सूचना जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों को दी जा चुकी है। वहीं दूसरी ओर उक्त बैठक जिला मुख्यालय पर आयोजित करने को लेकर किसान संघषर् समिति सुमेरपुर-आहोर ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।