जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति में  चल  रही उथल-पुथल के बीच सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने गुरुवार को दावा किया कि उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुशासन समिति के सचिव तारीक अनवर की ओर से ई-मेल पर कारण बताओ नोटिस मिला हैं।डॉ.जोशी ने कहा कि एआईसीसी अनुशासन समिति का आज ई मेल पर नोटिस मिला हैं और उन्होंने नोटिस  प्राप्त करने की सूचना गुरुवार को भेजी है। ऐसे में अब उन्हें 10 दिन में एआईसीसी अनुशासन समिति को जवाब प्रस्तुत करना है। जबकि  वे अपनी गलतियों के बारे में कुछ दिन पहले एआईसीसी में जाकर मुकुल वासनिक सहित कई नेताओं को अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।उल्लेखनीय है कि  आईसीसी की अनुशासन समिति द्वारा जारी किए गए नोटिस का समय गुरुवार को पूरा हो रहा है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने अपने नोटिस का जवाब भिजवा दिया है। लेकिन सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी द्वारा यह कहना कि उन्हें नोटिस गुरुवार को मिला है और 10 दिन का समय मिला वह इसका जवाब अध्ययन कर भेजेंगे। इस नई सोच के पीछे क्या मतलब है यह तो पता नहीं लेकिन यह तय है कि यह राजनीति का एक नया कदम हो सकता है । यह तय माना जा रहा है कि जब सोशल मीडिया पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर तीनों के नोटिस सार्वजनिक कर दिए गए थे। उस समय यह मामला नहीं उठाया गया जब समय पूरा हो गया और कार्रवाई की जाने की  आशंका  को देखते हुए यह नई चाल चली गई है। नई परिस्थितियों के चलते अब कांग्रेस के घटनाक्रम और समानांतर विधायक दल की बैठक चलाने के मामले को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गंभीरता से लिया था। इसको लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खरगे और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को भेजी थी। इसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया और 10 दिन में जवाब देने को कहा था।
धारीवाल दे चुके जवाब।
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा हैं कि वे अपना जवाब दे चुके हैं। इसी तरह सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पहले ये कहा था कि उन्हें नोटिस ही नहीं मिला, ऐसे में जवाब क्या दें।  सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर पार्टी के आलाकमान को फैसला करना है। पहले माना जा रहा था कि अखिल भारतीय कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी  सीएम गहलोत के बारे में एक-दो दिन में फैसला ले लेंगी लेकिन अभी इसके आसार कम लग रहे हैं और दोनों  गुटों में  सोनिया गांधी के फैसले के इंतजार में हैं ऐसे में सभी की निगाहें एक बार फिर से दिल्ली पर ही हैं। माना जा रहा हैं कि इसे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव तक भी टाला जा सकता है। सीएम गहलोत ने भी अपने कार्यक्रमों में यह कहा है कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता और वह पार्टी को मजबूत बनाना चाहते हैं। वही खुद ने भी अगले बजट की तैयारी शुरू कर दी है और कहा हैं कि वे इसे युवाओं को समर्पित करेंगे और इसी की तैयारियां शुरू कर दी गई है।