जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी संग्राम के बीच विधायक दल की बैठक चलाने के मामले में प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है। सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद कांग्रेस की अनुशासन समिति ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्लीन चिट दी है तो वहीं सीएम गहलोत के समर्थक माने जाने वाले मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 10 दिन में जवाब देने को कहा है। हालांकि इस मामले में कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। पहले माना जा रहा था कि प्रताप सिंह खाचरियावास को भी नोटिस मिल सकता है।
मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश।
बताया जाता है कि सियासी संकट के दौरान भले ही प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अनुशासनहीनता का मामला बताते हुए अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी हो लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीच का रास्ता निकालते हुए इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया है और केवल गहलोत समर्थकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कोई बड़ी कार्रवाई उन पर नहीं की गई है।
कई मंत्री और विधायक पहुंचे सीएमआर, सीएम गहलोत से की मुलाकात।
बता दें, कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने सोमवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके मौखिक तौर पर पूरे मामले की जानकारी दी थी जिस पर सोनिया गांधी ने लिखित में रिपोर्ट देने को कहा था और उसके बाद अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट ईमेल के जरिए सोनिया गांधी को भेजी थी। जिसके बाद सोनिया गांधी ने इस मामले को पार्टी की अनुशासन समिति को भेज दिया था। अनुशासन समिति की बैठक में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्लीन चिट दी गई तो वहीं उनके समर्थकों को कारण बताओ नोटिस जारी करके इतिश्री कर ली गई।गौरतलब है कि रविवार शाम को गहलोत समर्थकों ने सीएमआर में होने वाली विधायक दल की बैठक यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर विधायकों की बैठक चलाई थी जिसमें गगहलोत समर्थक 92 विधायक शामिल हुए थे। उसके बाद विधायकों ने विधायक दल की बैठक में जाने की वजह विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर जाकर उन्हें इस्तीफे सौपे थे।