चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से निरोगी राजस्थान का सपना साकार करने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में निशुल्क दवा योजना की शुरुआत की गई। जिसमें चित्तौड़गढ़ में भी मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना संचालित की जा रही है। जिसमें सरकार की ओर से कुछ दवाओं की आपूर्ति समय पर नहीं किए जाने के बाद सरकार के निर्देशानुसार जिला राजकीय श्री सांवलियाजी चिकित्सालय में स्थानीय स्तर पर आवश्यक दवाओं की खरीद की जा रही है। जिससे कि दवाएं सुलभता से उपलब्ध हो रही है। लेकिन चिकित्सालय में कार्यरत स्टोर के कर्मचारी और कुछ फार्मासिस्ट इस योजना का लाभ आमजन को देने के बजाय स्वयं ले रहे हैं। वही इस योजना को संचालित करने के लिए निशुल्क दवा काउंटर पर नियमानुसार फार्मासिस्ट का होना आवश्यक है। लेकिन फार्मासिस्ट की कमी बताकर वर्तमान में कई दवा काउंटर पर अनुभवहीन हेल्परो को जिम्मेदारी देकर दवा वितरण के लिए लगाया हुआ है। चिकित्सालय प्रशासन ने प्रशिक्षित अनुभवी दो फार्मासिस्टो को विगत कई वर्षों से स्टोर कीपर की जिम्मेदारी दी हुई है। जिसके कारण चिकित्सालय में लगातार फार्मासिस्ट की कमी दिखाई जा रही है। जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले के सबसे बड़े राजकीय जिला श्री सांवलियाजी चिकित्सालय और महिला एवं बाल चिकित्सालय मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के दवा काउंटर संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें कुछ दवा काउंटर प्रशासन ने फार्मासिस्ट की कमी बताकर हेल्पर के भरोसे संचालित करने का निर्णय लिया था। जबकि जानकारी में सामने आया है कि जिला राजकीय श्री सांवलिया चिकित्सालय में विगत कई वर्षों से दो फार्मासिस्ट भरत धाकड़ और परमिंदर सिंह स्टोर कीपर बने हुए हैं जो कि बहुत अनुभवी और प्रशिक्षित हैं। अगर चिकित्सालय प्रशासन चाहे तो इन दोनों प्रशिक्षित और अनुभवी फार्मासिस्ट को निशुल्क दवा काउंटर पर जहां हेल्पर के भरोसे दवाओं का वितरण किया जा रहा है वहां पर लगाकर सेवाओं को सुचारू बनाया जा सकता है। लेकिन इसकी जानकारी चिकित्सालय प्रशासन होने के बावजूद भी नियमों के विरुद्ध हेल्पर लगाकर निशुल्क दवा काउंटर को संचालित किया जा रहा है। जानकारी में यह भी सामने आया है कि जो हेल्पर दवा काउंटर पर कार्य कर रहे हैं उन्हें दवा वितरण का अनुभव नहीं है फिर भी आमजन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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