जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने पाॅक्सो के अपराधी को उसके खिलाफ विशेष न्यायालय द्वारा प्रत्यारोपित आरोप से उन्मोचित किया। प्रार्थी सुनील घोर की पैरवी मोहित बलवदा, भावना चौधरी व आशा शर्मा अधिवक्ता ने की। मोहित बलवदा का तर्क था कि प्रार्थी का प्रथम सूचना रिपोर्ट में नाम नहीं है।
बलवदा का तर्क था कि ना ही प्रार्थी का नाम पीड़िता के पुलिस व मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए बयानों में हैं।बलवदा का तर्क था कि पीड़िता द्वारा प्रार्थी को मैसेज किए गए। उसने प्रार्थी को खुद की और आकर्षित करने के लिए लगातार चैटिंग करतीं रहीं। न्यायाधीश ने बलवदा के तर्कों से सहमत होकर प्रार्थी के खिलाफ कोई अपराध बनना नहीं माना ओर प्रत्यारोपित आरोपों से उन्मोचित कर दिया।