जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आखिर भरतपुर में पहाड़ियों से खनन बंद करने के विरोध में आत्मदाह करने वाले साधु विजय दास की इलाज के दौरान शुक्रवार रात को मौत हो गई। जिले में करीब डेढ़ साल से साधु खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और साधुओं के साथ स्थानीय लोग भी खानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे थे। प्रशासन ने साधुओं को इस क्षेत्र से खदानों को स्थानांतरित करने का आश्वासन भी दिया और उन्हें राज्य सरकार की योजना के बारे में बताया कि आसपास के क्षेत्र को एक धार्मिक पर्यटन स्थल में बदल दिया जाएगा। इन खदानों को स्थानांतरित किया जाएगा और लगभग 2,500 लोग जो परिणामस्वरूप बेरोजगार होंगे, उनको कहीं और नियोजित कर दिया जाएगा। कहा गया कि राज्य सरकार इस इलाके को (पत्थर खनन क्षेत्र) एक धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने का इरादा रखती है। लेकिन इस बीच मंगलवार सुबह को एक साधु जिले के डीग में पत्थर खनन का विरोध करने के लिए एक मोबाइल टावर पर चढ़ गया और फिर ये हादसा सामने आ गया। शासन के प्रयास कागज से आगे बढ़ते उसके पहले ही एक साधु की जान अब सिर्फ कागजों और लोगों की यादों में ही रह गई है। भरतपुर पहाड़ी के एसडीओ संजय गोयल ने बताया कि बीती 21 जुलाई को आत्मदाह करने वाले साधु विजय दास की शुक्रवार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई है। दास का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था।
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