कोटा-हंसपाल यादव।
बहुचर्चित नवरंग होटल प्रकरण में धारीवाल के जवाब पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि धारीवाल जी आपके मकान का पट्टा कैसे बना है यह सारा शहर जान चूका है। हम आरोप नहीं लगा रहे हैं । पहले आपने अपनी माँ की वसीयत के आधार पर 69ए में पट्टा मांग लिया कि हम 50 साल से यहां काबिज है। और माँ की वसीयत में जो हमारे हाथ में है कहीं भी इस नवरंग होटल के दस्तावेज के मालिकाना हक के संबंध में कोई लेख नहीं है कि जमीन हमने सीआईटी से खरीदी है। जिसका मेरे पति के नाम पट्टा है। यह इस वसीयत में कहीं भी नहीं है। उन्होंने सीधा लिख दिया यह नवरंग होटल है जिसकी वसीयत मैं पहले पांच भाइयों के नाम कर चुकी हूं अब उसे रद्द करके शांति धारीवाल के नाम कर रही हूं । अगर दस्तावेज होते तो वसीयत में लीगल दस्तावेजों का जिक्र भी होता। अब आपने 69ए से पीछे हट कर पूरे निगम प्रशासन को जयपुर बैठा के दस्तावेज कहां से कैसे ढूंढ लिए। कैसे तैयार करा लिए यह तो 2023 में नई सरकार आकर इसकी जांच करेगी तब इसका खुलासा होगा। गुंजल ने कहा कि धारीवाल जी आप इतना जरूर बता दो कि नवरंग होटल व फूल प्लाजा 27/1/ 2004 की आई एल आर भू अभिलेख निरीक्षक लाडपुरा की रिपोर्ट के मुताबिक सिवायचक भूमि पर बने हुए हैं। इस पर आपका क्या कहना है। ऐसा का ऐसा ही प्रकरण सरकार बनाम अजय विक्टर में मामले में अदालत से जुड़े हुए भूखंड का है जिसमें कलेक्टर ने उक्त भूखंड को कब्जा राज लेने का आदेश कर दिया है। आप जैसा पट्टा वह भी बता रहा था लेकिन सिवायचक होने के आधार पर कलेक्टर ने उसे कब्जा राज लेने का आदेश कर दिया है। इस बारे में आपका क्या कहना है। आप की जमीन आज भी गैरमुमकिन फांसीघर सिवायचक बोल रही है। भैरोसिंह जी ने कब जांच करा ली यह तो 2024 की जांच में पता चलेगा। कि किस ने जबरदस्ती पट्टा बनवाया है और किसने बनाने की गलती की है। आप सिर्फ इतना जवाब दे दें कि 27/1/ 2004 की भू अभिलेख निरीक्षक की रिपोर्ट में जिस खसरा नंबर पर नवरंग होटल व फूल प्लाजा बना हैं वह सिवायचक दर्ज है। आप जैसी ही जमीन को कलेक्टर ने कब्जा राज करने के आदेश कर दिए हैं। आप शहर वासियों को बताए इस पर आपका क्या कहना है।