जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान मे आगामी चुनावी रण में कूदने से पहले भाजपा ने अपनी सबसे छोटी इकाई यानी बूथ की मजबूती पर काम शुरू कर दिया है। भाजपा ने इसके लिए अभियान भी शुरू कर दिया है। जो आगामी 31 जुलाई तक चलेगा जिसमें बूथ को A, B, C कैटेगिरी में बांटकर पार्टी बूथ की मजबूती के लिए सांसद विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को भाजपा अलग-अलग टॉस्क सौंपेगी।

राजस्थान में सी कैटेगरी के 6000 बूथ।
पार्टी ने A कैटेगरी में मजबूत बूथ, B में अपेक्षाकृत कमजोर और C में सबसे कमजोर बूथ को शामिल किया है। राजस्थान भाजपा काफी समय से बूथ मजबूती को लेकर काम कर रही है और पार्टी ने हर जिला और विधानसभा स्तर पर कमजोर बूथों को चिह्नित कर लिया है। प्रदेश भाजपा सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में सबसे कमजोर कैटेगरी में रखे गए बूथों की संख्या 6000 है। जबकि जिन बूथों पर भाजपा कमजोर भी नहीं और पूरी तरह मजबूत भी नहीं ऐसे बूथ को बी कैटेगरी में रखा गया है जिनकी संख्या करीब 20 हजार है। वहीं जिन बूथ को पार्टी ने 'ए' कैटेगरी में रखा है वो भाजपा की दृष्टि से काफी मजबूत हैं। राजस्थान में ऐसे 52045 बूथ हैं।

सांसद 100 और विधायक 25 कमजोर बूथों को करेंगे मजबूत।
पार्टी आगामी 31 जुलाई तक बूथ सशक्तिकरण अभियान चलाएगी और इस दौरान पार्टी के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों के साथ ही सभी विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों को अलग-अलग टारगेट दिए जाएंगे। बताया जा रहा है सांसदों को उनके क्षेत्र में 100 कमजोर बूथों को मजबूत करने का टास्क दिया जाएगा। वहीं विधायक को उनके विधानसभा क्षेत्र में 25 बूथ मजबूत करने का टास्क मिलेगा। इसी तरह पार्टी से जुड़े अन्य जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों को भी अलग-अलग टॉस्क दिया जाएगा। माना जा रहा है अगले 2 से 3 दिन में सभी जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को पार्टी संगठन यह नया टारगेट और टास्क सौंप देगी। दरअसल मोदी सरकार के 8 साल 30 मई को पूरा हो रहे हैं और इसी के तहत भारतीय जनता पार्टी ने कई कार्यक्रम हाथ में लिए हैं जिसमें बूथ सशक्तिकरण अभियान भी शामिल है।