श्रीगंगानगर-राकेश मितवा।
राजस्थान में बिजली संकट के चलते अब हाहाकार मच चुका है। दूसरी तरफ लगातार लग रहे बिजली कट से लोग के चलते  गर्मी से बेहाल है। तेज गर्मी और अघोषित बिजली कटौती के चलते श्रीगंगानगर के लोगों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।लोगो के कामकाज भी बिजली कट से प्रभावित हुए हैं। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा पड़ा है क्षेत्र में भी पानी की कमी के चलते बगीचे भी सूखने के कगार पर है।
 सुरतगड़ थर्मल पावर में सिर्फ एक दिन का कोयला शेष बचा है अगर आज शाम तक सुरतगढ थर्मल पावर में कोयले के रैक नही पहुचते, तो थर्मल की सभी इकाईया बन्द हो सकती है। श्रीगंगानगर जिले में 24 घण्टे मेसे 8 से 10 घण्टे कट लग रहे हैं। वो भी दिन में, रात लो बिजली आ रही है तो लगातार कट लग रहे हैं।  जिससे कोई भी फेक्ट्री या लोगो के काम नही हो पा रहे हैं। राजस्थान के श्री गंगानगर में देश मे सबसे महंगा डीजल होने की वजह से लोगो ने अब जरनेटर का प्रयोग भी बन्द कर दिया है। विधायक राजकुमार गौड़ भी बिजली संकट को मानते हुए राज्य सरकार से इसके लिए माकूल कदम उठाने की बात करते हैं । जनता की तकलीफों बढ़ रही है बिजली के अघोषित कट से लोगो को अब पीने के पानी की सप्लाई भी 2 से 3 दिन बाद मिल रही है जिसका कारण है बिजली का लगातार ना चल पाना।मीडिया ने जब बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करनी चाही तब खाली कुर्सियों के सिवा कोई नही मिला। 
इधर तेज गर्मी की बात करें तो पिछले चार-पांच दिनों से श्रीगंगानगर जिले में औसत तापमान 45 डिग्री के आसपास रहा है ऐसे में शहर में सड़के सूनी है तो लोगों को मजबूरी में ही बाहर निकलना पड़ रहा है। किसी और को रोके यहां बिक्री बढ़ी है तो इनको चलाने के लिए बिजली की कमी को लोग झेल रहे हैं। सूरतगड़ थर्मल पावर की बात करे तो सुपरक्रिटिकल इकाई में आठवीं यूनिट से उत्पादन हो रहा है सात नंबर बंद है।
1 यूनिट में -205 मेगा वाट
2 यूनिट में 198 मेगा वाट
3 यूनिट 106 मेगावाट
4 यूनिट बंद है
5 यूनिट 225 मेगावाट
6 यूनिट 237 मेगावाट

सूरतगड़ थर्मल की 2860 टोटल बिजली उत्पादन की क्षमता है।
1930 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है जिसमें से 2 इकाइयां बंद है सात नंबर सुपरक्रिटिकल और पांच नंबर थर्मल की इकाई। इधर आम जनता बिजली के अघोषित कटौती से काफी परेशान हो रही है। दिन में सूर्य का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है जहां तापमान पिछले 3000 दिनों से औसतन 45 डिग्री चल रहा है। ऐसे में शहर की सड़कें सूनी नजर आ रही है लोग गर्मी से बचने के वैकल्पिक उपायों पर काम कर रहे हैं। घर से बाहर निकलना मजबूरी में ही लोग कर रहे हैं बाहर निकलते हैं तो गर्मी से बचने के उपाय भी कर रहे हैं। आमजन का कहना है कि घोषित कटौती के बाद भी अघोषित कटौती से लोग ज्यादा प्रताड़ित है। राज्य सरकार को इस दिशा में पहले ही कदम उठाने चाहिए थे जिसे आज यह नौबत नहीं आती।