जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
अणुव्रत विश्व भारती के अध्यक्ष संचय जैन ने कहा है कि अणुव्रत आंदोलन मानव मात्र के कल्याण का आंदोलन है। जिसमें विश्व शांति, मानवता, अहिंसा, भ्रूण हत्या निषेध, धार्मिक सहिष्णुता, व्यवसाय में प्रमाणिकता, नैतिकता, व्यसन मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण का संदेश है। 
अणुव्रत आंदोलन के 74वें वर्ष में इसे व्यापक बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अणुव्रत काव्यधारा का आयोजन किया गया है। जो अपने आप में महत्वपूर्ण है।जैन रविवार को साध्वी धनश्री के सान्निध्य में जयपुर के अणुविभा भवन में साहित्यिक परिवेश देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ‘‘अणुव्रत काव्यधारा‘‘ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
काव्यधारा कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गीतकार डॉ. नरेन्द्र शर्मा ‘कुसुम‘, वरिष्ठ गीतकार इकराम राजस्थानी और फारूक आफरीदी ने अणुव्रत के माध्यम से मानवता, धार्मिक सहिष्णुता और नैतिकता के सन्देश पर अपने गीतों की सस्वर प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। इस अवसर पर केसर मारवाड़ी, विनोद मोदी, डॉ. नीरू जैन के साथ ही साध्वी शीलयशा और साध्वी सलिलयशाजी ने भी मार्मिक कविताओं का पाठ किया।वरिष्ठ कवि फारूक आफरीदी के गीत ‘‘जात-बिरादरी, ईर्ष्या, धन-दौलत, मिटा दो सब इन्हें कोरी ये प्रवंचना है। इंसां से इंसा जुड़े, पिरो दो एक धागे में, जीव जगत बचा रहे यही अभ्यर्थना है‘‘ की सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। आफरीदी ने एक अन्य गीत ‘‘ज्ञान-ध्यान धर्म किया सबको किनारा, पिंजर इस शरीर का क्या साथ ले जाएंगे‘‘ को भी श्रोताओं ने बहुत पसंद किया।
 सुप्रसिद्ध गीतकार इकराम राजस्थानी का गीत-‘‘मनुष्यता का मन में कोई मर्म होना चाहिए। स्नेह का सद्भाव का सद्कर्म होना चाहिए। दे रहा संदेश ये अणुव्रत हमेशा हमें, सिर्फ मानवता हमारा धर्म होना चाहिए‘‘ और वरिष्ठ गीतकार डॉ. नरेन्द शर्मा कुसुम का धार्मिक सहिष्णुता पर गीत-मैं रहूंगा धर्मक्षेत्र में सहिष्णु और निर्बन्ध और नहीं फैलाऊंगा सम्प्रदाय का द्वंद्व‘‘ भी श्रोताओं को अत्यन्त प्रिय लगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में जयपुर अणुव्रत समिति के अध्यक्ष इंजीनियर विमल गोलछा और राष्ट्रीय समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अविनाश नाहर ने कविवृंद और अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अणुव्रत उजास लाने का आंदोलन है। जिसे फैलाने में साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।कार्यक्रम का संचालन प्रदीप नाहटा ने किया। जयपुर अणुव्रत समिति की सचिव जयश्री सिद्धा ने सभी का आभार व्यक्त किया।