जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य में देश- विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन की ब्राण्डिंग की जाएगी। घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों में वहां की क्षेत्रीय भाषा में ‘पधारो म्हारे देस‘ टैगलाइन के साथ व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इससे पर्यटन को न केवल नई पहचान मिलेगी, बल्कि इससे जुड़े हुए उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों से सहयोग लिए जाने के लिए एक सलाहकार समिति के गठन के भी निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री ने विभाग द्वारा चम्बल नदी पर पर्यटकों के लिए क्रूज शिप संचालन तथा प्रदेश की अन्य बड़ी झीलों, तालाबों पर हाऊस बोट संचालन के किए जा रहे प्रयासों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कार्य में तेजी लाने तथा साथ ही, अग्रेसिव मार्केटिंग के जरिये पर्यटन से संबंधित उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। आरटीडीसी एवं राज्य होटल निगम के होटलों तथा अन्य कई संपत्तियों का पर्यटन हित में अधिकाधिक उपयोग बढ़ाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आरटीडीसी की बंद इकाइयों को कार्यशील बनाने के प्रयास किए जाकर एवं आरटीडीसी को आय के नियमित स्त्रोत करते हुए स्व-निर्भर बनाना होगा। उन्होंने विभिन्न जिलों में बंद पड़ी ईकाइयों के मूल्यांकन के लिए बनायी गई कमेटियों को शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु जिला कलेक्टरों से वार्ता करने के निर्देश प्रदान किए। उन्होंने पैलेस ऑन व्हील्स को भी घरेलू पर्यटकों के लिए सुगम बनाने एवं ट्रेवल्स एजेंसियों को ड्यूज समय से लौटाने तथा रेल मंत्रालय के साथ ट्रेन के पुर्नसंचालन हेतु समन्वय करने के निर्देश दिए। पर्यटन शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने विभाग की प्रगति से अवगत कराते हुए कहा कि राज्य में पर्यटन के नए अवसर विकसित करने पर लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग को मीडिया कैंपेन के माध्यम से क्रियान्वित करने के बारे में विस्तार से अवगत कराया। बैठक में पर्यटन निदेशक निशांत जैन, राजस्थान पर्यटन  विकास निगम की प्रबंध निदेशक डॉ. मनीषा अरोड़ा सहित वरिष्ठ अधिकार मौजूद रहे।