जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

राजस्थान प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्रो मे उपचुनाव की घोषणा होने के बाद जहा राजनैतिक दल अपनी पार्टी का प्रत्याशी जीताने की कवायद और रणनीति मे जुटे हुए है वही दूसरी ओर वल्लभनगर सीट से विधायक रहे गजेन्द्र शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत की दावेदारी को लेकर कांग्रेस के अन्य नेता लामबंद हो गए है।

दरअसल कांग्रेस में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में टिकट वितरण से पहले विवाद हो गया है। वल्लभनगर सीट से विधायक रहे गजेन्द्र शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत की दावेदारी को लेकर कांग्रेस के अन्य नेता लामबंद हो गए है और वे इनके खिलाफ आज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और उदयपुर के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मिलेंगे और अपना विरोध जाहिर करेंगे। ये जयपुर पहुंच गए है। पिछले विधानसभा चुनावों में वल्लभनगर में कांग्रेस विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत चुने गए थे। शक्तावत के निधन के बाद उपचुनाव कराए जा रहे है।

पारिवारिक विवाद बना रोड़ा।

वल्लभनगर सीट पर जीते कांग्रेस विधायक गजेन्द्र शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत कांग्रेस से टिकट मांग रही है। वहीं गजेन्द्र सिंह के बड़े भाई देवेन्द्र शक्तावत भी टिकट के लिए अपनी दावेदारी जता रहे है। इसके अलावा राज सिंह झाला, भीम सिंह और ओकार लाल भी जयपुर आए है। ये सभी नेता आज डोटासरा से मिलेंगे। इनकी मांग हैं कि प्रीति शक्तावत को छोड़कर चारों में से किसी को भी टिकट दे दें। इनमें से देवेन्द्र शक्तावत ने तो कहा भी हैं कि कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय ही मैदान में उतर जाएंगे। शक्तावत ने आरोप भी लगाए कि साल 2020 के पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 6 जिला परिषद सदस्य में से 5 पर हार देखनी पड़ी। इसी तरह वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र स्थित 3 पंचायत समितियों वल्लभनगर, कुराबड़, भींडर में से एक पर भी कांग्रेस का प्रधान नहीं बन सका। निकाय चुनाव में भींडर नगरपालिका में गलत टिकट वितरण के चलते पार्टी हारी। यहीं नहीं लोकसभा चुनाव में वल्लभनगर विधानसभा में कांग्रेस 80 हजार वोटों से पीछे रही थी इसलिए कांग्रेस को अपना उम्मीदवार उन्हें बनाना चाहिए।

यह तय की शक्तावत परिवार को  मिलेगा टिकट।

कांग्रेस विधायक रहे गजेन्द्र शक्तावत कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे गुलाब सिंह शक्तावत के पुत्र है। शक्तावत का इस क्षेत्र में काफी दबदबा रहा था। उनके निधन के बाद छोटे बेटे गजेन्द्र सिंह शक्तावत को साल 2008 में टिकट दिया गया और वे विधायक बने। इसके बाद 2013 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। गत विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर से विधायक बने थे। बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था। सूत्रों का दावा हैं कि वल्लभनगर से शक्तावत के परिवार में से किसी को टिकट दिया जाने की संभावना ज्यादा बनी हुई है।