जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फिलहाल एफआईआर रद्द करने या अनुसंधान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता सात दिन के भीतर अनुसंधान अधिकारी के सामने पेश हो। इस दौरान वे उचित अभ्यावेदन दस्तावेजों के साथ दे सकेंगे। तब तक उनको गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि एसीबी के उच्चस्थ अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मामले में अनुसंधान बिना किसी बाहरी दबाव व प्रभाव के स्वच्छ निष्पक्ष तरीके से होगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख नौ नवंबर तक अनुसंधान की नई प्रगति रिपोर्ट मांगी है।  बीवीजी कंपनी के बकाया 276 करोड़ रूपए के भुगतान के बदले बीस करोड़ रूपए मांगने सबंध में वायरल वीडियों के आधार पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था। कंपनी के अधिकारियों के साथ निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम का नाम एफआईआर में शामिल है। क्षे​त्रीय प्रचारक निंबाराम ने याचिका दायर कर कहा कि उनका नाम राजनीतिक द्वेष के चलते शामिल किया है। राजाराम और कंपनी प्रतिनिधि राममंदिर के लिए चंदा देने का प्रस्ताव लेकर आए थे। लेकिन राममंदिर के लिए चंदा देने की समयावधि समाप्त हो जाने की वजह से उदयपुर में प्रताप गौरव केंद्र के लिए चंदा देने की बात रखी। टेंडर या बकाया भुगतान से उनका कोई सरोकार नहीं है। आॅडियो वीडियो क्लिीप्स में एडिटिंग एवं कांट छांट करते हुए राजनीतिक बदले की भावना से एफआइआर दर्ज करते हुए मनचाही लैब से जांच रिपोर्ट ली है। आरएसएस की छवि खराब के लिए राजनीतिक स्वार्थवश पूरी कार्रवाई की है। इसी के साथ केबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष बार बार प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपराधी बताकर गिरफ्तारी की मंशा जाहिर कर रहे हैं। जिसका राजकीय अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि एफआईआर में जांच एजेन्सी ने नाम शामिल किया है इसी के साथ फिलहाल अनुसंधान किया जा रहा है। ऐसे में याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग देना चाहिए। दोनो पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने अंतरिम आदेश में एफआइआर रद्द करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को सात दिन में अनुसंधान अधिकारी के सामने पेश होने और मय दस्तावेज अभ्यावेदन देने को कहा है। कोर्ट ने तब तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उच्चस्थ अधिकारियों को निष्पक्ष अनुसंधान सुनिश्चित करने को कहा है। गौरतलब है कि वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एसीबी ने राजाराम और सप्रे के खिलाफ आरोप पत्र पेश करते हुए चौधरी व निंबाराम के खिलाफ जांच लंबित रखी है।