उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

यूडीएच के उच्चाधिकारियों के नाम पर 12 लाख रु. के रिश्वत मामले में मंगलवार को नया खुलासा हुआ। इसमें प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल, लिपिक हरिमोहन के साथ एक मंत्री का भी जिक्र आया है। दरअसल, दलाल लोकेश जैन के जब्त मोबाइल से उसके और परिवादी डॉ. देवीलाल के बीच सौदेबाजी के लिए वॉट्सऐप चैटिंग मिली है। साथ ही एनओसी की डील का एक ऑडियो सामने आया है। इनमें दलाल कई बार कुंजीलाल मीणा, मनीष गोयल, हरिमोहन और एक बार मंत्री का जिक्र करता है। हालांकि मंत्री कौन है, यह स्पष्ट नहीं है। दलाल ने इसी दौरान 12 लाख रुपए की मांग की। हालांकि सोमवार को प्रमुख सचिव ने कहा था कि इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। एसीबी ने मंगलवार को दलाल को दो दिन यानी 11 मई तक रिमांड पर लिया है।

मालूम हो कि परिवादी ने 0.9157 हैक्टेयर पैतृक जमीन का लैंड यूज बदलने के लिए एनओसी का आवेदन 2019 में किया था। दो साल बाद भी एनओसी नहीं मिली। इससे परेशान होकर परिवादी ने दिसंबर 2022 में दलाल से संपर्क किया और सौदा 25 लाख में तय हुआ। इतनी रिश्वत की बात सुनकर परिवादी ने 21 अप्रैल 2023 को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। एसीबी ने लोकेश के घर से लैपटॉप, मोबाइल और कुछ फाइलें जब्त की हैं। एसीबी के हाथ जमीन से जुड़ी हुई करीब 150 फाइलें लगी हैं। आरोपी किन-किन लोगों के संपर्क में था इसका भी खुलासा हो सकता है।

यूडीएच में एनओसी का रेट- 5 लाख रुपए प्रति बीघा

प्रार्थी को डील के दौरान दलाल ने बताया कि यूडीएच से जमीन कन्वर्ट कराने की एनओसी लेने के लिए 1 बीघा की 5 लाख रुपए रेट है। आपकी 5 बीघा जमीन है तो 25 लाख बनते हैं, लेकिन आपने आधा काम करा लिया, इसलिए 12 लाख दे देना।

एसीबी ने यूआईटी अधिकारियों से भी की पूछताछ

एसीबी ने मंगलवार को यूआईटी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी दलाल के बारे में पूछताछ की। दलाल यूआईटी में किन-किन लोगों के संपर्क में था इसके बारे में जानकारी ली गई। हालांकि अभी तक यूआईटी में किसी से दलाल का संपर्क होने की सूचना नहीं है। इधर, एसीबी की कार्रवाई के दूसरे दिन लोकेश के घर पर दिनभर गहमागहमी का माहौल बना रहा।

2 मई को फोन पर दलाल और शिकायत देने वाले के बीच हुई डील

दलाल- बात हो गई प्रिंसिपल सेक्रेट्री के लेवल से। पहले हाउसिंग बोर्ड से, फिर , यहां (यूआईटी) का काम होगा। एक काम और हो सकता है कि आपकी जमीन का 10 प्रतिशत आप ले लो तो सब यहीं करा देंगे।

प्रार्थी- मेरी जमीन का 10 प्रतिशत ही तो मांग रहा हूं मैं।

दलाल- मनीष जी (संयुक्त सचिव) ने भेज भी दिया आपका लेटर, ऊपर वाले साहब ने किया नहीं शायद । अब मैंने उनको वापस सेट किया है।

प्रार्थी- मनीष जी ने मुझे कहा कि मैंने तो कर दिया (लेटर आगे भेज दिया) ऑब्जेक्शन लगाया है उन्होंने (प्रमुख शासन सचिव ) ।

दलाल- अब देवीलाल जी ये एनओसी मंगाना है तो क्या करना है ? ये बताओ आप तो ? ताकि मैं मंगवा दू कल।

प्रार्थी-तो इसका आप बता दें।

दलाल- 12 कह दूं उनको 12

प्रार्थी- अच्छा। तो अपने वो काम तो हो जाएगा ना बाद वाला भी।

दलाल- तो मैं उसकी गारंटी नहीं ले सकता, लेकिन मैं ये गारंटी ले सकता हूं कि वो वापस जाएगा तो करवा जरूर देंगे। खर्चा क्या लगेगा यह भी नहीं बता सकता क्योंकि वो फाइल जाएगी मंत्री जी के यहां।

प्रार्थी- हां! बोल दो उनको। कोई बात नहीं। काम तो करना ही है। आचार संहिता से पहले भेज देंगे।

यह था पूरा मामला
दरअसल, एसीबी को शिकायत मिली थी। इसमें बताया कि उसकी जमीन पर रिसोर्ट बनाने के तहत भू रूपांतरण के लिए एनओसी जारी करवानी थी। इसकी एवज में शहरी विकास एवं आवास विभाग (यूडीएच) के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं संयुक्त सचिव के नाम पर दलाल लोकेश जैन ने 25 लाख रुपए की मांग की थी। एडवांस के तौर पर 12 लाख रुपए देने के लिए परेशान कर रहा था। एसीबी जयपुर के महानिरीक्षक सवाईसिंह गोदारा के निर्देशन में सोमवार को दलाल लोकेश जैन पुत्र शांतिलाल निवासी आरजी अरिहंत अपार्टमेंट, शोभागपुरा को 12 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

एसीबी ने यूआईटी अधिकारियों से भी की पूछताछ

एसीबी ने मंगलवार को यूआईटी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी दलाल के बारे में पूछताछ की। दलाल यूआईटी में किन-किन लोगों के संपर्क में था इसके बारे में जानकारी ली गई। हालांकि अभी तक यूआईटी में किसी से दलाल का संपर्क होने की सूचना नहीं है। इधर, एसीबी की कार्रवाई के दूसरे दिन लोकेश के घर पर दिनभर गहमागहमी का माहौल बना रहा।