जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

सचिन पायलट द्वारा RPSC की पुनर्गठन की मांग का नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जिस RPSC में बाबूलाल कटारा जैसे लोग पकड़ में आए। वहां एक मछली नहीं बल्कि पूरा तालाब ही गंदा है। ऐसे में RPSC को भंग कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही पेपर लीक की वजह से जिन लाखों युवाओं को परेशानी हुई। उन्हें भी मुआवजा दिया जाना चाहिए।

मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की ए टीम और बी टीम है। मुकेश भाकर जैसे लोग कह रहे हैं कि रीट के अंदर राजीव गांधी स्टडी सर्किल की जांच होनी चाहिए। इस दौरान राठौड़ ने सचिन पायलेट की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि हम भी चाहते है, RPSC को भंग कर दिया जाए। इसके साथ ही पीड़ित छात्रों को मुआवजा देना चाहिए।

अडानी से दोस्ती निभा रहे गहलोत
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा राजस्थान की जनता को लूटा जा रहा है। जो फ्यूल चार्ज हमारे समय में 18 पैसे प्रति यूनिट था। वो अब बढ़कर 59 पैसे हो चुुका है। CM गहलोत अडानी से अपनी दोस्ती निभाने के लिए महंगे दरों पर कोयला खरीद रहे हैं। जहां से कोयला चोरी की भी शिकायतें आ रही है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में संस्थागत भ्रष्टाचार हो रहा है।

सरकार खरीद रही महंगी बिजली
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार महंगे दाम पर बिजली खरीद रही है। जिससे आम उपभोक्ता को 11 रुपए से ज्यादा प्रति यूनिट बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अडानी टैक्स के रूप में भी पैसा वसूल रही है। हमारे थर्मल पावर प्रोजेक्ट की क्षमता साढ़े आठ हमार मेगावाट से ज्यादा की है। लेकिन उन्हें जानबूझकर रख-रखाव के नाम पर बंद रखा जा रहा है। जिसकी वजह से महंगी बिजली खरीदी जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की विद्युत कम्पनियां बैंक करप्ट होने की तरफ बढ़ रही है। किसानों के लिए अलग बिजली कम्पनी बनाने की घोषणा भी थोथी साबित हो रही है। जिसे राजस्थान की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

किसान बिजली के लिए परेशान
राजेंद्र राठौड़ ने बिजली बिल, किसानों का बिजली बिल सहित योजनाओं से जुड़े कई मुद्दे उठाया। अब जो बिल आपके पास आता है, वो फ्यूल चार्ज और अन्य सेस मिलाकर आता है। जो राहत ये सरकार दे रही है। फ्यूल चार्ज के नाम से दूसरे सरचार्ज भी वसूल रही है। 4 हजार मेगावाट से ज्यादा कभी बिजली नहीं मिलती। ये संस्थागत भ्रष्टाचार का तांडव कर रही है सरकार।

जो संयंत्र लगें हैं उनमें 23 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है। रूफटॉप सोलर प्लेट पर भी सरकार अंधाधुंध कमाई कर रही है। खुद भ्रष्टाचार करें और झूठी बातें जनता से कहती हैं। सरकार दावा करती है हम सरप्लस स्टेट हो गए। ओद्यौगिक क्षेत्र में दूसरे पायदान पर है। बड़े पैमाने पर बिजली निजी कंपनियों से खरीदी जाती हैं। सरकार ने वादा किया था कि 1 अप्रैल 2022 से किसानों को दिन में बिजली देंगें लेकिन आज किसान को 4 से 5 घंटे बिजली दी जा रही है।

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जो वादे किये अब तक पूरे नहीं हुए है। सरकार ने किसानों को पेंडिंग कनेक्शन देने की बात की थी। 2300 करोड़ का प्रोजेक्ट था, लेकिन वो भी आज तक पूरा नहीं हुआ। नए जिलों की बाउंड्री के लिए प्रारूप तक नहीं बनाया। वैसे भी जिले बनाने से पहले प्रारूप बनाना होगा, लोगों के सुझाव लेने होंगे, आपत्तियां लेनी होंगी। लेकिन अब तक इनमे से कुछ भी नहीं हुआ है।

बीजेपी ने की हॉर्स ट्रेडिंग, तो करें करवाई
राठौड़ ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग की बात जो सरकार कर रही है। वो खुद के नेताओं की ललकार झेल रही है। सीएम के पास कोई जानकारी है। तो देना हमने कहां रोका है, करवाई करें। आज डिप्टी सीएम को याद आता है कि पूर्ववर्ती सरकार की सीएम ने भ्रष्टाचार किया है। अभी तक तो उन्होंने ये बात कहीं नहीं की। जिन खानों के आवंटन का आरोप लगाया गया था। उसकी जांच भी हो गई है और फैसला भी आ गया है। अब इस मुद्दे को उठाकर सिर्फ राजनीति की जा रही है। ये तो वही बात हो गई कि कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना।

सरकारी पैसे का हो रहा दुरूपयोग
राठौड़ ने कहा कि महंगाई राहत शिविरों में सरकारी पैसे का दुरूपयोग हो रहा है। पहली बार सरकार के खजाने से छपे विज्ञापनों में पीसीसी के नेताओं के फोटो छापे जा रहे हैं। सरकारी धन का धड़ल्ले से निजी कार्यों के लिए उपयोग किया जा रहा हैं। आम जनता के लिए सरकारी पैसे से आयोजित हो रहे शिविर का सरकार ने कांग्रेसीकरण कर दिया गया है। जबकि चुनाव में कुछ वक्त का ही समय बचा है। ऐसे में आम जनता का जिन योजनाओं में पहले से ही रजिस्ट्रेशन हो चुका है। उनमें फिर से रजिस्ट्रेशन कर जनता को भी परेशान किया जा रहा है।