जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

शहर के एसएमएस हॉस्पिटल में बन रहे आईपीडी टावर की पांच मंजिलें अगले दो दिन में पूरी हो जाएंगी। अभी दो बेसमेंट और पांच मंजिल इमारत बनाई गई है, जो टावर का सबसे बड़ा व अहम हिस्सा है। इसमें सबसे ज्यादा 8 महीने का समय लगा है। इसकी वजह से टावर बनने की शुरुआत धीमी रहना और इसका निर्माण एरिया बड़ा होना रहा। अब शेष बचे निर्माण को जेडीए दिसंबर तक पूरा कर लेगा। खास बात यह है कि बेसमेंट तथा 6 मंजिला इमारत की फिनिशिंग सितंबर के पहले सप्ताह तक पूरी करने की तैयारी है।

राज्य सरकार चुनाव की आचार संहिता से पहले टावर का उद्घाटन करके जनता को सौंपना चाहती है। आईपीडी टावर कुल 24 मंजिला बनाया जा रहा है, जिसमें करीब साढ़े 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पैसा स्मार्ट सिटी कंपनी, जेडीए, हाउसिंग बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग मिलकर दे रहे हैं। टावर में दो बेसमेंट बनाए गए हैं, जिसमें प्रत्येक बेसमेंट का एरिया 8 हजार स्क्वायर मीटर है। यानी कुल 16 हजार स्क्वायर मीटर एरिया में दो बेसमेंट बनाए गए हैं। इसके अलावा ग्राउंड से 5वीं मंजिल तक प्रत्येक मंजिल 5 हजार स्क्वायर मीटर में बनी है।

कुल मिलाकर 41 हजार एक्वायर मीटर एरिया का निर्माण जेडीए ने पूरा कर लिया है, जिसमें 8 महीने का समय लगा। अब 6 मंजिल से 14 मंजिल तक जो 9 मंजिला निर्माण होगा। उनका कुल एरिया 20 हजार स्क्वायर मीटर बनता है, जिसे जेडीए तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। यानी सितंबर के पहले सप्ताह तक आईपीडी टावर का 14 मंजिला परिसर पूरा हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूरा 24 मंजिला स्ट्रक्चर पूरा कर लिया जाएगा।

ये काम होने है; कॉटेज वार्ड की जगह बहुमंजिला आईपीडी टावर बनाया जा रहा है। जबकि गर्ल्स हॉस्टल के पास इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है। आईपीडी ब्लॉक में 1200 मरीज भर्ती क्षमता (सामान्य वार्ड) 160 मरीज भर्ती क्षमता (गंभीर व अति गंभीर यूनिट), ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू, डाइग्नोस्टिक लैब आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। इसके अतिरिक्त नई मोर्चरी बनाई जाएगी और छत पर दो हेलीपेड भी होंगे। अब हर माह तीन मंजिल का निर्माण होगा

आईपीडी टावर का जो बड़ा एरिया है, उसका काम लगभग पूरा कर लिया गया है। प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए हर महीने तीन मंजिल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। - सुनील शुक्ला, प्रोजेक्ट एसई, जेडीए