जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

डीओआईटी के सिस्टम एनालिस्ट जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव के खिलाफ एसीबी ने कल एफआईआर दर्ज कर ली हैं। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने यादव को कल दोपहर में हिरासत में ले लिया था। जिस के बाद मामला करप्शन का होने के चलते एसीबी को दिया गया। इसी के साथ पुलिस ने आरोपी को भी एसीबी के सुपुर्द कर दिया। कमिश्नरेट की एक टीम ने कल देर रात एसीबी मुख्यालय पहुंच कर रिश्वत के 2 करोड़ 31 लाख रुपए की जानकारी एसीबी के अधिकारियों को दी। इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज भी दिया गया जिस में वेद प्रकाश यादव 8 मई 2023 को आलमारी में पैसों से भरा बैग छिपाते हुए दिखाई दे रहा हैं। सीसीटीवी में साफ दिखाई दे रहा है कि ड्यूटी ओवर होने के बाद वेद प्रकाश कंधे पर लैपटॉप का बैग लेकर बेसमेंट में गया। आलमारी का ताला खोला बैग रखा और फिर वहां से निकल गया। यह वही आलमारी है जिससे पुलिस को 2.31 करोड़ रुपए और एक किलो सोना मिला।

सीसीटीवी कैमरों की खरीद में चला रिश्वत का खेल

वेद प्रकाश यादव की आलमारी से 2.31 करोड़ रुपए नकदी और एक किलो सोने की सिल्ली रिश्वत की निकली। यह रिश्वत आरोपी ने सीसीटीवी कैमरा खरीदने में ली थी। पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि वेद प्रकाश यादव को हिरासत लिया जिस के बाद पूछताछ हुई तो मामला साफ हो गया। पुलिस को वेदप्रकाश तक पहुंचने में करीब 30 दिन से अधिक के सीसीटीवी फुटेज देखने पड़े। वहीं पुलिस की एक टीम ने इस विभाग के 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज के बाद खुलासा हुआ था कि जिस अलमारी में नकदी मिली, उसे वेद प्रकाश ऑपरेट करता था। वेद प्रकाश से पूछताछ की गई तो उसने कबूला कि यह रकम उसने अलग-अलग लोगों से रिश्वत के रूप में ली है। इन्हें घर ले जाने के बजाय यहां इकट्ठा करता था। आरोपी ने अपना जब अपराध स्वीकार किया तो पुलिस ने उसके अंबाबाड़ी स्थित आवास पर सर्च किया जहां से उन्हे कई दस्तावेज मिले। आरोपी इस पोस्ट पर कई सालों से बैठा हुआ था।

पद बदला लेकिन काम वहीं करता

वेद प्रकाश 1994 में प्रोग्रामर के पद पर भर्ती हुआ था। वह पिछले 20साल से डीओआईटी का स्टोर इंचार्ज था। वर्ष 2019-20 में जॉइंट डायरेक्टर बना। पदनाम बदला, लेकिन काम स्टोर इंचार्ज का देख रहा था। आरोपी डीओआईटी की कई विंग की कमेटी का मेंबर भी था। डीओआईटी सीसीटीवी कैमरे, कम्प्यूटर एलईडी आदि की खरीद करती है। इस लिए इन का कई कम्पनी के साथ सम्पर्क रहता हैं। ये कम्पनी अपना माल बेचने के लिए इन जैसे अधिकारियों को रिश्वत देते हैं। जानकारी में आया है कि इसी रिश्वत की राशि से वेद प्रकाश ने नोटबंदी के दौरान एक किलो सोने की सिल्ली खरीदी थी।

एसीबी की रडार पर रिश्वत देने वाली कम्पनी भी

एसीबी ने वेद प्रकाश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं। जांच में एसीबी उन कम्पनियों के प्रतिनिधियों को भी आरोपी बनाएगी जिन्होने वेदप्रकाश यादव को रिश्वत दी। लॉ के अनुसार वह सभी लोग आरोपी हैं जो रिश्वत लेते हैं और रिश्वत देते हैं। इसी तर्ज पर निजी कम्पनी पर भी एसीबी कार्रवाई करेगी।