अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।  

अजमेर रेंज के 124 थानों में से सबसे ज्यादा चोरियों के लिए बदनाम क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र। यहां हर माह औसतन 20 से ज्यादा चोरी और नकबजनी होती है। भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि पिछले एक साल में यहां चोरी, नकबजनी और लूट की 230 वारदातें हुईं। इनमें चोरी के सबसे ज्यादा 162 और नकबजनी के 49 मामले शामिल हैं।

आखिर इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा चोरी क्यों होती है? पुलिस इसको रोकने में क्यों कामयाब नहीं है? पुलिस और आमजन को ऐसा क्या करना चाहिए ताकि चोरी और नकबजनी की वारदात पर अंकुश लगे और चोर पकड़े जाएं...भास्कर ने एक्सपर्ट, पुलिस, सीएलजी सदस्यों और क्षेत्र के लोगों से चर्चा कर इसका समाधान भी जानने की कोशिश की। पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट।

पड़ताल में सामने आए चोरी के तीन सबसे बड़े कारण... भौगोलिक, सामाजिक और जागरूकता की कमी

  • 40 फीसदी परिवार ऐसे जिनमें पति-पत्नी दोनों नौकरी में। इसलिए दिन में भी चोरी।
  • 20 प्रतिशत ऐसे परिवार हैं, जिनमें बच्चे या तो किसी बड़े शहर में नौकरी करते हैं या विदेश में जा बसे हैं।

भौगोलिक कारण: क्षेत्र में 12 वार्ड, 90 कॉलोनियां, नफरी कम-गश्त नहीं होती

इस क्षेत्र में निगम के 12 वार्ड आते हैं। आबादी तकरीबन 60 हजार है। करीब 15 हजार घर और 5 हजार दुकानें व शोरूम हैं। शहर के पांच बड़े मॉल भी यहीं हैं। थाने का विस्तार लंबा-चौड़ा है और उस अनुपात में पुलिस की नफरी काफी कम। थाने पर 1 सीआई, 3 एसआई, 11 एएसआई, 16 हैड कांस्टेबल और 40 कांस्टेबलों के पद हैं। इनमें से 13 पद खाली हैं। नफरी कम होने से पुलिस गश्त और निगरानी व्यवस्था नियमित नहीं हो पा रही है।

समाधान: लंबे समय से नया थाना बनने की मांग। सीएलजी सदस्य गजेंद्र पंचाेली ने कहा- कई बार ये मामला उठा चुके हैं।

सामाजिक कारण: बड़े लोगोंं के बंगले, पड़ोसियों से बोलचाल और व्यवहार कम

क्रिश्चियनगंज क्षेत्र में ज्यादातर कॉलोनियां नई बसावट वाली हैं। स्थानीय लोग कम और बाहरी लोग ज्यादा हैं। बड़े लोगों के बंगले ज्यादा हैं। जो पति-पत्नी नौकरीपेशा हैं, वे पड़ोसियों के लिए भी समय नहीं निकाल पाते। पुलिस जांच में कई बार ये भी सामने आया है कि लोग ताला लगाकर बाहर जाते समय भी पड़ोसियों को सूचना नहीं देते। जिन घरों में बुजुर्ग हैं वे भी आसपास वालों से सीमित व्यवहार रखते हैं। इसी फायदा चोर उठाते हैं।

समाधान: क्षेत्र के लोगों को सामाजिक ग्रुप्स बनाने चाहिए। बाहर जाने से पहले पड़ोसियों व पुलिस को जरूर बताएं।

जागरूकता की कमी: बिना पुलिस वेरीफिकेशन किराएदार रख लेते हैं

नए अजमेर का क्रिश्चियनगंज क्षेत्र जहां डेवलपमेंट तेजी से हाे रहा है। बड़े मार्केट, मॉल आदि इसी एरिया में हैं। इसलिए बाहर से आने वाले लोग इन्हीं क्षेत्राें में ज्यादा रहते हैं। पुलिस पड़ताल में कई बार सामने आया है कि मकान मालिक किराएदार को रखने से पहले पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराते हैं। इसी का फायदा उठाकर चोर और बदमाश भी किराए पर मकान लेकर रहने लगते हैं। रेकी करना आसान हो जाता है। मौका देखते ही वारदात कर फरार हो जाते हैं।

समाधान: मकान मालिक किराएदारों का वेरीफिकेशन कराएं। गतिविधियां संदिग्ध दिखें तो पुलिस को बताएं।

पड़ाेसियाें और पुलिस काे बताकर जाएं: एसपी
क्रिश्चियन गंज थाना इलाके में काॅलाेनियां काफी दूर-दूर हैं। ज्यादातर वारदातें सूने मकानाें में हाे रही हैं। यदि काेई मकान सूना छाेड़े ताे पड़ाेसियाें काे बताए या संबंधित थाना, बीट आॅफिसर व बीट कांस्टेबल में से किसी एक काे जरूर सूचित करें। यदि लाेग बताकर जाते हैं ताे पुलिस उस क्षेत्र में विशेष निगरानी रखती है। -चूनाराम, एसपी

एक्सपर्ट व्यू​​​​​​​- डाॅ. जगदीश उल्लास जाधव डीन, साेशल साइंस, सेंट्रल यूनिवर्सिटी

नागरिक सहभागिता बढ़ाने की जरूरत

बढ़ती चाेरी-नकबजनी की वारदाताें काे राेकने के लिए सबसे पहले पुलिस काे नागरिक सहभागिता बढ़ाने की जरूरत है। हमें नागरिक कर्तव्य काे समझना हाेगा। जैसे- आपका पड़ाेसी यदि कहीं जा रहा है, मकान सूना है ताे यह हमारा नागरिक कर्तव्य है कि हम उसके मकान का ध्यान रखें। इसके लिए हम वरिष्ठ नागरिकाें की मदद ले सकते हैं। कम्युनिटी पुलिसिंग वरिष्ठ नागरिकाें से बेहतर तरीके से करवाया जा सकता है। पुलिस काे सामाजिक क्लब व अन्य संस्थाओं के पदाधिकारियाें काे समाज शक्ति काे जगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। नागरिकाें काे नेशनल इंस्टीट्यूट डिजास्टर मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। अलर्ट रहकर नागरिक कर्तव्याें का संवहन कर पुलिस का सहयाेग करना हाेगा।​​​​​​​