मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल राहत कैम्पों पर पड़ी भारी, एक लाख से ज्यादा मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र अटके

जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रदेशभर में सरकार लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए जगह-जगह राहत कैंप लगा रही है। इस माहौल के बीच प्रदेश में लाखों युवा ऐसे भी है जो अपने मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र के लिए कलेक्ट्री में धक्के खा रहे है। इसके पीछे कारण मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल राहत कैम्पों पर पड़ी भारी, एक लाख से ज्यादा मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र अटके जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।   का हड़ताल पर जाना है। कर्मचारियों के कारण नहीं करने के कारण मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र अटके पड़े है और ये पेंडेंसी पूरे प्रदेश में 1 लाख से ऊपर चली गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 1.03 लाख से ज्यादा लोगों के मूलनिवास प्रमाण पत्र अटके पड़े है। वर्तमान में कई जगहों पर स्कूलों के एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा जिन अभ्यर्थियों का कॉम्पीटिशन एग्जाम में सलेक्शन हो जाता है उनको भी अपने डॉक्यूमेंटेशन में मूल निवास की जरूरत होती है।

सबसे ज्यादा प्रकरण जयपुर में पेंडिंग
जिलेवार रिपोर्ट देखे तो सबसे ज्यादा मूल निवास के प्रकरण जयपुर में लम्बित है। जयपुर में वर्तमान में 20 हजार से ज्यादा एप्लीकेशन कलेक्ट्रेट में पेंडिंग पड़ी है। इसके पीछे बड़ा कारण बाबूओं की हड़ताल है, जिनके काम नहीं करने के कारण ये एप्लीकेशन आगे फोरवर्ड नहीं हो पा रही। इसके बाद दूसरा नंबर अलवर जिले का आता है जहां 6600 से ज्यादा एप्लीकेशन पेंडिंग पड़ी है।

जाति प्रमाण पत्र के 1 लाख से ज्यादा एप्लीकेशन पेंडिंग
मूल निवास के अलावा जाति प्रमाण पत्र बनवाने वालों के भी 1.09 लाख से ज्यादा एप्लीकेशन पेंडिंग पड़ी है। इसमें एसटी, एससी, ओबीसी के राज्य और केन्द्र स्तर के सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर रखा है। इसमें जिलेवार रिपोर्ट देखे तो जयपुर में 16 हजार 200 से ज्यादा एप्लीकेशन है। इसी तरह अलवर में 6619, जोधपुर में 7734, प्रतापगढ़ में 1617 और उदयपुर में 4 हजार 700 से ज्यादा एप्लीकेशन पेंडिंग है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ARwebTrack