जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

नगर निगम ग्रेटर से फर्जी पट्‌टा जारी होने के मामले अब अधिकारी हरकत में आ गए। नगर निगम के उपायुक्त प्लानिंग ने मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग काे पत्र लिखकर पट्‌टे की रजिस्ट्री निरस्त करने के लिए कहा है। वहीं विजीलेंस कमिश्नर को इस मामले में करधनी थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी अलग से पत्र लिखा है।

उपायुक्त प्लानिंग की ओर से लिखे पत्र में भूखण्ड संख्या 40 स्कीम नंबर सी-19, डिफेंस कॉलोनी का एक पट्‌टा विकास शर्मा के नाम से मार्च में सामने आया। इस पट्‌टे की रजिस्ट्री 30 मार्च को झोटवाड़ा पंचायत समिति कार्यालय में बने रजिस्ट्रार ऑफिस में की गई। ये कथित पट्‌टा नगर निगम की ओर से जारी नहीं किया है। भू-माफिया गिरोह ने ये पट्‌टा जाली दस्तावेजों के आधार पर बनाकर तैयार किया है, जबकि नगर निगम से ऐसा कोई पट्‌टा जारी करने संबंधि पत्रावली या आवेदन है ही नहीं। इस मामले में करधनी थाने में पीड़ित पक्ष (भूखण्ड के मालिक) ने 7 मई को मुकदमा दर्ज करवाया है।

विजीलेंस कमिश्नर को लिखा पत्र
उपायुक्त प्लानिंग ने एक पत्र नगर निगम के उपायुक्त विजीलेंस को भी लिखा है। इसमें नगर निगम की तरफ से करधनी थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि ये पट्‌टा नगर निगम में एक गिरोह की ओर से जारी किया गया है और उसकी एंट्री भी डिस्पेच रजिस्टर में की गई है।

पहले पट्टा निरस्त करने से किया था मना
इससे पहले नगर निगम के ही उपायुक्त प्लानिंग ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस पट्‌टे को निरस्त करने की जरूरत नहीं बताई थी। उपायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि चूंकि ये पट्‌टा नगर निगम से जारी हुआ ही नहीं है तो इसे निरस्त नहीं किया जा सकता। लेकिन दो-तीन दिन से निगम में इस प्रकरण को लेकर मची खलबली के बाद कमिश्नर के निर्देश पर आज उपायुक्त ने पट्‌टा निरस्त करवाने के लिए मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग को पत्र लिखा है।