दिल्ली के जंतर मंतर पर चल रहे पहलवानों के धरने को अब जयपुर से कृष्णा पूनिया का साथ मिल रहा है। राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद चेयरमैन डॉक्टर कृष्णा पूनिया ने पहलवानों के उत्पीड़न के आरोप वाले मामले को लेकर गुरुवार को सुबह 10 बजे सैंकड़ाें महिला खिलाडियों के साथ राजस्थान यूनिवर्सिटी के गेट से गांधी सर्किल तक पैदल मार्च निकाला। उसके बाद गांधी सर्किल पर ही खिलाड़ियों के साथ 2 घंटे तक धरने पर बैठी।
उन्होंने यह मार्च अंतरराष्ट्रीय कुश्ती पहलवानों के समर्थन में निकाला। मार्च में उनके साथ काफी संख्या में महिला खिलाडियों ने हिस्सा लिया। मार्च के दौरान हाथों में तख्तियां लिए कृष्णा पूनिया के साथ महिला खिलाडियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मीडिया से बात करते हुए द्वारा खिलाड़ियों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप पर खुलकर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि ब्रजभूषण सिंह को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार करना चाहिए,इसके साथ ही इस बात के लिए आश्वस्त किया जाये की प्रोटेस्ट कर रही खिलाडियों के साथ कुछ गलत नहीं होगा। उनके खेल के साथ कुछ गलत न हो , उनके जीवन के साथ कुछ गलत न हो। उन्होंने कहा की मैं भी एक खिलाडी रही हूं और हमें प्राउड फील होता है जब हम देश के लिए मैडल जीतते हैं। मैडल जितना आसान बात नहीं होता है, इसके लिए अपने परिवार को छोड़ना पड़ता है दिन रात की तपस्या के बाद एक मैडल देश के लिए आता है। आज वही मैडल जितने वाले एथलिट जंतर मंतर पर रो रहा हो तो इससे बड़ा दुर्भाग्य देश के लिए नहीं हो सकता।
वही कॉलेज छात्रा योगिता का कहना है की जितने भी अत्याचार लड़कियों के साथ हो रहे है, ये सब हमारे लिए दिक्कत ही दिक्कत है। जो भी हो रहा है उसे देखते हुए हमारे परिवार वाले ऐसे में किस प्रकार से, किसके भरोसे खेलने के लिए बाहर भेजेंगे। रिद्धिमा ने कहा कि ऐसी घटनाएं जयपुर में भी हो सकती है क्योंकि एक मुजरिम को देखकर ही दूसरे मुजरिम को हौसला मिलता है। इसलिए जो भी गुनहगार है उसे जल्दी गिरफ्तार किया जाये।
बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करना शर्मनाक
उन्होंने कहा कि एक तरफ से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जाता है और दूसरी तरफ बेटियों की इज्जत को तार-तार किया जा रहा है। यह बहुत शर्मनाक है। आज जब देश के एथलीट ओलंपिक, एशियन गेम या कॉमनवेल्थ में जाते हैं तो सबको मेडल की चाह होती है। देश और आज यह खिलाड़ी अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं। बता रहे कि शोषण किया जा रहा है तो देश को भी इनके साथ खड़े होना चाहिए। पहलवानों ने बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी है और उनको न्याय मिलना चाहिए, यह उनका हक है।
यह है पूरा मामला
भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) पर देश के पहलवानों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है। डब्ल्यूएफआई पर अपने मनमाने नियम पहलवानों पर थोपने का आरोप है। भारत की झोली में मेडल डालकर देशवासियों को गौरव का अनुभव कराने वाले देश के नामचीन पहलवानों ने इसका विरोध जताते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर डब्ल्यूएफआई के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। दिल्ली में धरनारत इन पहलवानों के समर्थन में कृष्णा पूनिया भी उतर आईं हैं। उन्होंने इस मामले की निंदा करते हुए जयपुर में पैदल मार्च निकल धरना दिया।
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