जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मनोज बाजपेयी की अपकमिंग फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' पर विवाद हो गया है। 8 मई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद आसाराम बापू ट्रस्ट ने फिल्‍म के मेकर्स को नोटिस जारी किया है। ट्रस्ट के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि फिल्म की रिलीज और प्रमोशन को कैसे भी करके रोक दिया जाए। वकील का कहना है कि ये फिल्म उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है।

नोटिस में दावा किया गया है कि इस मूवी में आसाराम का नेगेटिव रोल दिखाया गया है और उनकी तुलना रावण और एक सीरियल रेपिस्ट से की गई है। ऐसे में उन्हाेंने नोटिस जारी करते हुए इसके रिलीज पर रोक लगाने को कहा है। इसके साथ ही तीन दिन में एक्शान नहीं लेने पर लीगल कार्रवाई के लिए भी लिखा गया है। दरअसल फिल्म में दिखाया गया है कि एक बाबा ने 16 साल की लड़की का रेप किया है। चूंकि डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं पर प्रेरित है। फिल्म में दिख रहे बाबा का हुलिया सीधे तौर पर आसाराम से मिलता जुलता है, इसलिए ये अंदाजा लगाया जा सकता है फिल्म आसाराम के विवाद से ही जुड़ी है।

तीन दिन में ट्रीजर नहीं रोका तो हाईकोर्ट में दायर करेंगे याचिका

आसाराम के वकील ओपी शर्मा और विपुल सिंघवी ने बताया कि ये नोटिस फिल्म का प्रमोशन और रिलीजिंग राेकने के लिए जारी किया गया है। ट्रस्ट की ओर से मूवी के विनोद भानूशाली, मनोज वाजपेयी, जी स्टूडियो, अपूर्वा सिंह कर्की, आशिफ शेख, विशाल गुरनानी और दीपक किंगरानी को नोटिस दिया गया है। नोटिस में वकील का कहना है कि आसाराम को मिली सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई जारी है। ऐसे में फिल्म बिना परमियान बनाना उचित नहीं है। वहीं जिसके ऊपर फिल्म बनाई जा रही है उनसे मुलाकात भी नहीं की गई ।

नोटिस में दावा किया गया कि इसमें आसाराम की ऑरिजनल वॉइस को काम में लिया गया।। उन्होंने तीन दिन में इस पर एक्शन लेने को कहा है। साथ ही बताया कि यदि तीन दिन में रोक नहीं लगाती है तो इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।

इधर, डायरेक्ट बोले- फिल्म देखने के बाद सब पता चल जाएगा

निर्माता आसिफ शेख ने कहा मुंबई में इस मामले में कहा- "हां, हमें नोटिस मिला है और हमारे वकील अगला कदम उठाएंगे. हमने पीसी सोलंकी पर एक बायोपिक बनाई है और मैंने इस फिल्म को बनाने के लिए उनसे अधिकार खरीदे थे. अब अगर कोई कह रहा है कि फिल्म उन पर आधारित है, तो वे जो सोच सकते हैं और हम उसे रोक नहीं सकते. केवल फिल्म ही सच बता पाएगी, जब ये सामने आएगी।

कौन हैं पीसी सोलंकी?

ये फिल्म आसाराम के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील पीसी सोलंकी पर बेस्ड है। फिल्म में मनोज बाजपेयी ने उन्हीं का रोल प्ले किया है। पीसी सोलंकी का पूरा नाम पूनम चंद सोलंकी है। पीसी सोलंकी वो शख्स हैं जिन्होंने आसाराम केस में रेप विक्टिम की तरफ से पैरवी की। सोलंकी ने न केवल इस केस को लड़ा बल्कि उस बच्ची को न्याय भी दिलाया।

इस दौरान उन्हें केस छोड़ने को लेकर लालच और धमकियां भी मिलीं, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। यही वजह रही कि आज आसाराम जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। आसाराम की तरफ से देश के नामचीन और दिग्गज वकीलों ने केस की पैरवी की। इन वकीलों के सामने पीसी सोलंकी ने बड़ी सूझबूझ के साथ विक्टिम का पक्ष रखा और बिना डरे केस को अंजाम तक पहुंचाया।

नाबालिग से रेप का लगा था इल्जाम, उम्रकैद की सजा काट रहा आसाराम

आसाराम के गुनाहों का सबसे पहले पता 2013 में चला था। अगस्त 2013 में एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। उसके मां-बाप का आरोप था कि आसाराम ने बेटी को भूत-प्रेत के झाड़-फूंक के नाम पर दुष्कर्म किया। दरअसल उस लड़की से कहा गया था कि तुम्हारे ऊपर भूत प्रेत का साया है और इसे सिर्फ आसाराम बाबू ही ठीक कर सकते हैं।

पीड़ित लड़की 15 अगस्त 2013 आसाराम के जोधपुर स्थित आश्रम गई। उसी दिन आसाराम ने लड़की के साथ बलात्कार किया। 20 अगस्त 2013 को विक्टिम के मां-बाप ने FIR कराई। पांच साल बाद अप्रैल 2018 में जोधपुर की कोर्ट में वो मुजरिम पाया गया और सजा के तौर पर उसे आजीवन कारावास हो गई।