जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा दूसरे दिन किशनगढ़ टोल से सुबह 8 बजे शुरू हुई। अब उनके साथ चलने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।  दूसरी तरफ दिल्ली में इस यात्रा को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है और पार्टी नेताओं में इस यात्रा से आने वाले चङाव में होने वाले संभावित नुकसान को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी सन्दर्भ में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज दिल्ली में एक बैठक बुलाई है जिसमें पीसीसी चीफ डोटासरा के लावा दोनों सह प्रभारी भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि ये तीनों एक रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष को देंगे। हालांकि यह तय है कि अंतिम निर्णय अध्यक्ष खरगे सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा से चर्चा करके ही लेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस जो भी निर्णय लेगी वह कर्नाटक के नतीजे देखकर लेगी। इधर सीएम गहलोत और पायलट दोनों ही लगातार बयां दे रहे हैं जिससे स्थिति और उलझने के आसार हैं।  

यात्रा का कांग्रेस संगठन पर जो संभावित असर है उसकी बानगी गुरुवार को अजमेर में देखने को मिली जहाँ पायलट को समर्थन के मुद्दे पर संगठन बंटा हुआ नजर आया। उपाध्यक्ष नसीम अख्तर, डॉ गोपाल बाहेती जैसे नेताओं ने जहाँ पायलट से दूरी बनाई वहीँ विजय जैन, महेंद्र सिंह रलावता और रामचंद्र गुर्जर जैसे नेता पायलट के साथ खड़े नजर आए।  यानि कुल मिलाकर पायलट का जहाँ जहाँ असर है वहां वहां पार्टी इसी तरह बंट जाएगी जोकि चुनावी साल में घातक होगा।