सवाई माधोपुर - हेमेंद्र शर्मा
बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति के तत्वावधान में आज सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के समक्ष रणथंभौर नेशनल पार्क में लगातार हो रही बाघों की मौत के मामले को लेकर वन विभाग के खिलाफ विरोध में प्रदर्शन किया गया। बाघों की मौत की जांच सीबीआई से करवाने तथा रणथंभौर बाघों की में मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग सिस्टम को मजबूत करने की मांग की गई। बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां पर उन्होंने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि रणथंभौर नेशनल पार्क देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखता है। यहाँ टाइगर को देखने पूरे विश्व भर से लोग आते हैं। जिसके कारण सैकड़ों लोगों को रोजगार व सरकार को अच्छा राजस्व को भी प्राप्त होता है। करोड़ों रुपए का बजट बाघ संरक्षण के नाम पर रणथंभौर नेशनल पार्क में खर्च किया जा रहा है। उसके बावजूद भी रणथंभौर नेशनल पार्क में पिछले कई सालों से लगातार बाघों की मौत हो रही है तथा दर्जनों बाघ बाघिन एंव शावक गायब है। जिनमें वन विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। हाल ही में बाघिन टी 114 व उसका शावक तथा 2 दिन पूर्व ही रणथंभौर से उदयपुर शिफ्ट किए गए और बाघ टी 104 की मौत हुई है। इन दोनों मामलों में वन विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही देखने को मिली है। वन विभाग पर सीधे आरोप लगाते हुए बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति ने वन विभाग की मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग सिस्टम को नाकारा करार दिया है। समिति द्वारा वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि वन अधिकारियों का ध्यान पर्यटन के नाम पर मोटी कमाई करने में और सरकारी जिप्सियो का दुरुपयोग कर पैसा वसूलने में लगा हुआ है। ऐसे में जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति ने कार्यवाही की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।