जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

योजना भवन के बेसमेंट में मिली करोड़ों की नकदी और गोल्ड के मामले में ​​कांग्रेस और बीजेपी के बीच तल्ख पलटवार शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अब नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के आरोपों पर पलटवार करते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है। डोटासरा ने केंद्र सरकार और राज्यों की भर्तियों पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि मोदी सरकार क्या चुनाव लड़ने ही पैदा हुई है क्या, पेपर लीक के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया। डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत राज में डीओआईटी में हजारों करोड़ के करप्शन के बीजेपी के आरोपों पर डोटासरा ने कहा- नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ में थोड़ी बहुत भी नैतिकता है तो उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। कल बीजेपी मुख्यालय में सीपी जोशी ने वसुंधरा राजे की सरकार पर सीधा सीधा आरोप लगाया है कि ये भ्रष्टाचार में डूबे हुए थे। फिर राठौड़ कैसे बच सकते हैं?

राठौड़ वसुंधरा सरकार में मंत्री थे, वे बच कैसे सकते हैं
डोटासरा ने कहा- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि 2013 से ही खेला चल रहा है, उस समय बीजेपी की सरकार थी। राजेंद्र राठौड़ वसुंधरा सरकार के मंत्री थे। वह अपने आप को क्लीन चिट कैसे दे सकते हैं? राठौड़ को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने जब यह कह दिया कि 5 साल में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार में करप्शन था। राठौड़ को पहले खुद की जांच करवानी चाहिए। फिर हमारी सरकार पर आरोप लगाने चाहिए। राठौड़ को खुद अपने पर जांच की पहल करवानी चाहिए। जब प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया है तो बच क्या गया। जब प्रदेशाध्यक्ष 2013 से आरोप लगा रहे हैं तो उनमें से कोई नहीं बच सकता।

बीजेपी राज में 11 पेपर लीक थे फिर भी नियुक्तियां दी गईं
डोटासरा ने कहा- बीजेपी नेता चुनावों से पहले केवल माहौल बनाने के लिए आरोप लगा रहे हैं। ये जो पेपर लीक का मुद्दा बना रहे हैं। उन्हें पहले अपने कार्यकाल को देखना चाहिए। बीजेपी राज में आठ परीक्षाओं के पेपर निरस्त करने पड़े थे। 11 पेपर ऐसे थे जो लीक होने के बावजूद भी जानबूझकर निरस्त नहीं किए और नियुक्तियां दे दी। हमने विपक्ष में रहते हुए उस वक्त राजस्थान विधानसभा में पेपर लीक का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। बीजेपी राज में पेपर लीक रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। हमने सरकार में आते ही पेपर लीक के खिलाफ कड़ा कानून बनाया।

मोदी सरकार क्या चुनाव लड़ने ही पैदा हुई है, पेपर लीक के खिलाफ कड़ा कानून क्यों नहीं बनाया?

डोटासरा ने कहा- नकल विरोधी कानून बीजेपी राज में बन जाता तो पेपर लीक करने वाली गैंग सक्रिय नहीं होती। आज बीजेपी राज वाले राज्यों में पेपर लीक हो रहे हैं। पंजाब में पेपर लीक हो गया। हरियाणा में तो 9 साल से एग्जाम ही नहीं करवा पा रहे हैं, कोई एग्जाम कराने को तैयार नहीं है। गुजरात में आज से 4 महीने पहले पेपर लीक हुआ। केंद्र में भी कई बार पेपर आउट हो चुके हैं, पूरे देश में जब एक जैसी समस्या है तो क्या केंद्र में बैठी मोदी सरकार केवल चुनाव लड़ने के लिए पैदा हुई है क्या? क्या केंद्र सरकार को पेपर लीक के खिलाफ पूरे देश में कड़ा कानून नहीं बनाना चाहिए?

आगे पेपरलीक नहीं होंगे यह दावा नहीं करता
डोटासरा ने कहा- बीजेपी को कर्नाटक में पूरी तरह नकार दिया है। अब यहां राजस्थान में इसलिए ज्यादा माहौल बना रहे हैं। मैं यह नहीं कहता कि आगे पेपर लीक नहीं होंगे, लेकिन घटना घटने के बाद राजस्थान की सरकार ने जिस तेज गति से कार्रवाई की है। वैसा किसी राज्य ने नहीं किया।

राजस्थान एसीबी ने सबसे ज्यादा आईएएस,आईपीएस के खिलाफ कार्रवाई की

डोटासरा ने कहा- जिसने चोरी की वो जेल के सलाखों के पीछे जाएगा। राजस्थान की एसीबी ने जितने आईएएस आईपीएस अधिकारियों को जेल में डाला है। उतना किसी राज्य में नहीं हुआ। करप्शन के आरोपी बड़े अफसरों के खिलाफ जितनी कार्रवाई राजस्थान सरकार ने की है, उतनी बीजेपी के लोग अपनी सरकारों के बारे में एक जगह का उदाहरण देकर बता दें।