जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

जोधपुर में लगे पोस्टर लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पोस्टर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की फोटो लगी हैं। इन तस्वीरों के साथ सवाल किया गया है कि संजीवनी घोटाले पर चुप क्यों हो पायलट जी, जनता जवाब मांगती है। ये पोस्टर गुरुवार सुबह रातानाड़ा सर्किल समेत 7 जगहों पर लगाए गए हैं।

पोस्टर के नीचे जोधपुर जिला कांग्रेस कमेटी के 3 सदस्यों की फोटो और नाम है। ये जिला संगठन महामंत्री कुश गहलोत, सचिव जिला कांग्रेस कमेटी ललित कुमार गहलोत और जिला प्रवक्ता भाकर राम विश्नोई है। जिला प्रवक्ता भाकर राम विश्नोई ने कहा कि करीब एक डेढ़ साल से सरकार में यह विवाद चल रहा है, जब सचिन पायलट मानेसर गए थे। पायलट सरकार में विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं।

भ्रष्टाचार उजागर करना, जांच की मांग करना अच्छी बात है। जनहित में यह मुद्दे उठाने चाहिए। हालांकि जोधपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इतना बड़ा संजीवनी घोटाला किया। लोगों की मेहनत की करोड़ों रुपए की कमाई चली गई। पायलट साहब की जुबान इस घोटाले पर बंद रहती है।

संजीवनी का मुद्दा क्यों नहीं उठाया

भाकर ने कहा कि पायलट ने कभी भी संजीवनी घोटाले पर उंगली नहीं उठाई। न कभी किसी सार्वजनिक मंच से इस घोटाले के बारे में बात की। न कभी किसी सोशल मीडिया पर इसके विरोध में कुछ लिखा। जनता जानता चाहती है कि ऐसा क्यों?

उन्होंने कहा कि मैं जिला कांग्रेस कमेटी का कार्यकर्ता हूं। आखिर क्या बात है, ये कैसा रिश्ता है, सचिन पालट और गजेंद्र सिंह शेखावत का कि वे अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा निकालते हैं। जयपुर के भांकरोटा में सभा करते हैं। अपनी ही सरकार के खिलाफ बात करते हैं। उसी दिन गजेंद्र सिंह शेखावत उनकी तारीफ करते हैं। आप दोनों का रिश्ता क्या है, यह सार्वजनिक करना चाहिए।

अब पानी सिर के ऊपर से निकला

भाकर ने कहा कि अब पानी सिर के ऊपर से निकल गया है। अब दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।

बता दें कि मुख्यमंत्री के गृहनगर में चौराहों पर लगे ये पोस्टर नई राजनीतिक चर्चा का विषय बन गए हैं। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शेखावत को घेरा था। इधर संजीवनी मामले में शेखावत के खिलाफ हाईकोर्ट में भी केस चल रहा है।

सचिन पायलट ने कहा था- संजीवनी के मुद्दे पर सत्ता में नहीं आए
दो दिन पहले भास्कर इंटरव्यू में सचिन पायलट से संजीवनी घोटाले को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि हमने जनता से जो वादे किए थे, क्या हमने वो वादे पूरे किए। हम संजीवनी घोटाले के मुद्दे पर चुनाव लड़कर सत्ता में नहीं आए थे।

गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम कैसे आया ?
संजीवनी घोटाले के मुख्य आरोपी विक्रम सिंह गजेंद्र सिंह शेखावत के नजदीकी बताए जाते हैं। इथोपिया में शेखावत और विक्रम सिंह की फोटो भी सोशल मीडिया पर है। इधर पीड़ितों का कहना है कि कंपनी में निवेश के समय शेखावत का नाम प्रमुखता से लिया गया था। विक्रम सिंह ने शेखावत और उनके साथ की फोटो और उनका शेयर में होल्ड आदि दिखाकर निवेश करवाया था।