जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

एक्सपोर्टर्स प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स 2020 में राजस्थान को सभी लैंडलॉक राज्यों में नंबर एक और भारत के सभी राज्यों में चौथा स्थान दिया गया है। राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन्स स्कीम (RIPS) 2019 और 2022, MSME एक्ट 2019, मिशन 'निर्यातक बनो' जैसी नीतियों के संदर्भ में राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए गए समर्थन के परिणामस्वरूप राजस्थान ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 49,946 करोड़ रुपये की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 70,637 करोड़ रुपएु का निर्यात किया है। इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राजस्थान में दुनिया के कोने-कोने में निर्यात करने की अपार क्षमताएं हैं। यह बात राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल एवं राजस्थान लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने 'डीएमसीसी मेड फॉर ट्रेड लाईव-जयपुर इन फोकस' पर इंटरएक्टिव सत्र में अपने विशेष संबोधन के दौरान कही।

इसका आयोजन फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल और डीएमसीसी (दुबई मल्टी कमोडिटीज सेंटर) की ओर से किया गया था। अरोड़ा ने आगे कहा कि राजस्थान से जेम्स, ज्वैलरी, औद्योगिक उत्पादों और अन्य वस्तुओं के निर्यात को बेहतर सुविधा और बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने राज्य में एक पूर्ण समर्पित एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल - आरईपीसी का गठन किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने 2023-24 के अपने बजट भाषण में एक्सपोर्ट हेल्पलाइन और आरईपीसी के सुदृढ़ीकरण के लिए 20 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है।

राजस्थान लघु उद्योग निगम (RSIC) भी राज्य के निर्यातकों को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान कर रहा है। लगभग 70 करोड़ के निवेश से जोधपुर में एक नया रेल लिंक्ड इनलैंड कन्टेनर डिपो (आईसीडी) बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, जयपुर और उदयपुर में नए एयर कार्गो भी शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि भीलवाड़ा में आईसीडी को फिर से शुरू किया जा रहा है और बीकानेर और पचपदरा में नए आईसीडी शुरू होंगे।

स्वागत भाषण में डीएमसीसी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं सीईओ अहमद बिन सुलेयम ने कहा कि यूएई और डीएमसीसी के लिए भारत एक प्रमुख बाजार है। डीएमसीसी की स्थापना 2002 में हुई थी और वर्तमान में डीएमसीसी में 23,000 कंपनियों में से 3700 भारतीय कंपनियां हैं, जो कि कुल कंपनियों का 16% हैं। कमर्शियल और डिप्लोमेट दृष्टिकोण से, भारत और यूएई के बीच कोलेबोरेशन और द्विपक्षीय संबंधों एक लम्बा इतिहास रहा है। उन्होंने डायमंड, कॉफी और टी सेन्टर्स के अलावा डीएमसीसी वॉटर सेंटर, गेमिंग सेंटर जैसे नए डवलपमेंट्स पर भी प्रकाश डाला, जो कि काफी लोकप्रिय हैं।

प्रिशियस स्टोन्स डीएमसीसी के विशेष सलाहकार, डॉ. मार्टिन लीक ने दुबई डायमंड पर एक विस्तृत प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि 2021 की तुलना में 2022 में रफ डायमंड के व्यापार में 7% और पॉलिशड डायमंड के व्यापार में 42% की वृद्धि हुई है। जेमस्टोन्स और लैब में विकसित डायमंड के मामले में नए अवसरों पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने टेंडर बेस्ट प्रैक्टिस फोरम के बारे में भी बात की जो खरीदारों और विक्रेताओं की सुरक्षा करता है। कई महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस जैसे दुबई डायमंड कॉन्फ्रेंस, कलर्ज जेमस्टोन्स पर आईसीए कॉन्फ्रेंस आदि भी डीएमसीसी में आयोजित किए जाते हैं। सेल्स एंड बिजनेस डवलपमेंट, फ्री जोन, डीएमसीसी, डायरेक्टर मारवान सालेह ने दुनिया में दुबई की पहुंच पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दुबई से चार घंटे की उड़ान के भीतर 2.5 अरब से अधिक लोग रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुबई अरब वर्ल्ड में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी देश और अर्थव्यवस्था है। यह एक ग्लोबल स्टार्टअप हब, मेग्नेट ऑफ टैलेंट होने के साथ-साथ दुनिया के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के चेयरमैन और मंडावा होटल के सीएमडी रणधीर विक्रम सिंह ने कहा कि भारत और यूएई के बीच सदियों से व्यापारिक संबंध हैं। भारत-यूएई के बीच बढ़ते आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच तेजी से विविधता लाने और गहरे होते द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता और मजबूती में योगदान करते हैं। इस अवसर पर फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के सदस्य और द्वारका जेम्स लिमिटेड के एमडी, श्री केबी गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस सत्र में डीएमसीसी के माध्यम से प्राप्त किए जा सकने वाले लाभों पर प्रकाश डाला गया और इससे निर्यातकों को व्यापार के विकास के लिए निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी। सत्र का संचालन फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के सलाहकार अजय सिंघा की ओर से किया गया। इसके बाद यूएई में इंडियन बिजनेस के लिए निवेश के अवसरों पर पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया।