जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जोधपुर में किसानों ने तहसीलदार हुक्मीचंद से परेशान होकर अपने बच्चों को तहसील कार्यालय में गिरवी रख दिया। खातेदारी के मामले में रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार अपने 9 बच्चों को छोड़ गए। देर रात तक जब बच्चे ऑफिस में हाथों में तख्ती लिए बैठे रहे तो हड़कंप मच गया। इसके बाद उपखंड अधिकारी के मौके पर पहुंचने पर बच्चों को उनके घर पहुंचाया गया। वहीं, परिजनों के खिलाफ प्रशासन ने जेजे एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है।

मामला फलोदी तहसील कार्यालय का बुधवार दोपहर दो बजे का है। यहां ढढू गांव के 13 किसान अपने नौ बच्चों के साथ पहुंचे थे। इनका आरोप था कि जमीन बंटवारे के बाद उन्हें मालिकाना हक मिलना था, जिसके एवज में तहसीलदार 2-2 लाख रुपए रिश्वत मांग रहा है। पैसों का इंतजाम नहीं होने पर वे बच्चों को बतौर गिरवी वहीं छोड़कर जा रहे हैं।

ये था पूरा मामला
ये मामला फलोदी कस्बे के ढढू गांव का है। जहां13 लोगों और एक अन्य की जमीन का बंटवारा करवाने का मामला था। इस मामले में सभी के हिस्से की जमीन को चिह्नित कर उनके डॉक्युमेंट बनवाए जाने थे, लेकिन 2 मई को उनमें से एक शख्स के डॉक्युमेंट तैयार कर दिए गए। ऐसे में जमीन के बाकी 13 खातेदारों ने आरोप लगाए कि तहसीलदार ने उनका काम करवाने के लिए 2 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की है।

देर शाम प्रशासन ने ली बच्चों की सुध
शुरुआत में तो तहसील में मौजूद कर्मचारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जैसे-जैसे सूरज ढलने लगा प्रशासन में हड़कंप मच गया। बच्चे अकेले हाथों में नारे लिखे कागज के साथ वहीं बैठे रहे। इधर, जैसे ही अधिकारियों को इसकी खबर मिली वे मौके पर पहुंचे। एसडीएम अर्चना व्यास ने तहसीलदार ऑफिस के सामने बैठे बच्चों से बातचीत की, लेकिन बच्चे उठने के लिए तैयार नहीं हुए। एसडीएम ने बच्चों को वहां से ले जाने के लिए पुलिस बुलाई। रात करीब 8.30 बजे ढढू सरपंच प्रतिनिधि प्रभुराम विश्नोई फलोदी तहसील कार्यालय बच्चों के पास पहुंचे।

रात 10 बजे बच्चे घर पहुंचे
रात करीब 9 बजे एसडीएम अर्चना व्यास के ऑफिस में ढढू सरपंच प्रतिनिधि की उपस्थिति में परिजनों और प्रशासन के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ।

परिजनों का कहना था कि प्राथमिक रिपोर्ट को लेकर प्रशासन हमें एक लिखित में मौका रिपोर्ट बनाकर दें तो हम सहमत होंगे।