जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मनोज बाजपेयी द्वारा अभिनीत फिल्म एक बंदा काफी है की रिलीज पर रोक से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। इस फिल्म को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई 23 को हो गई थी और फैसला सुरक्षित रखा था। आज इस याचिका पर फैसला दिया गया है । हाईकोर्ट ने फिल्म को सिनेमा घरों व ओटीटी मोड पर रिलीज पर रोक से इनकार किया है। बता दें कि यह मूवी 23 को थियेटर में व ओटीटी मोड पर रिलीज हो चुकी है।

एक बंदा काफी है फिल्म आसाराम के केस पर बनी है। इस केस में पीडिता के वकील पीसी सोलंकी के किरदार पर बनी है लीड रोल में मनोज बाजपेयी है। बता दें की आसाराम की ओर से उसके वकील विपुल सिंघवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रिलीज पर रोक की मांग की थी। जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने इस याचिका पर 23 को सुनवाई कर रोक पर फैसले को सुरक्षित रखा था।

ये था पूरा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में इस फिल्म की रीलीजिंग की रोक को लेकर आसाराम ट्रस्ट व आसाराम की ओर से वकील एस पी शर्मा व विपुल सिंघवी ने याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी के कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने फिल्म के एक्टर, डायरेक्टर व प्रोड्यूसर को नोटिस जारी करने के आदेश दिए है। और स्टे पीटिशन पर भी नोटिस जारी कर मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 मई के रखी गई है।

आसाराम के वकील एस पी शर्मा व विपुल सिंघवी ने बताया कि उन्होंने आसाराम की जीवन पर बनी फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर एक्टर को लीगल नोटिस जारी किया था। 9 मई को लीगल नोटिस जारी किया था और मांग की थी फिल्म को रीलीज नहीं किया जाए क्योंंकि आसाराम बापू पर जो फिल्म बनी है उसमें उनसे कोई परमिशन नहीं ली गई थी और ना ही कोई ऑबजेक्शन लिया गया था। उनका कहना है कि आसाराम की सजा के विरुद्ध अपील हाईकोर्ट में पेंडिंग है। इन सभी बातों को जब जज के सामने रखा तब जस्टिस पीएस भाटी ने सुनवाई के बाद याचिका पर नोटिस जारी किए हैं।