अलवर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार पुलवामा हमले को सरकार की गलती बताया है। मलिक रविवार को अलवर जिले में बानसूर कस्बे के फतेहपुर गांव में राम दरबार मूर्ति स्थापना समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान पूर्व राज्यपाल ने कहा कि 'पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हुए, तब मैं कश्मीर में था और वहां गवर्नर था। दुर्भाग्य ये है कि सीआरपीएफ के जवान जब मूव करते हैं तो ये हमको ख़बर नहीं देते हैं, होम मिनिस्ट्री को ख़बर देते हैं।

सैन्य काफिले में हजार से ज्यादा जवान थे और उनका सड़क मार्ग से जाना ठीक नहीं था। उन्होंने होम मिनिस्ट्री को कहा कि हमे पांच जहाज दे दिए जाएं तो जम्मू से श्रीनगर चले जाएं, लेकिन चार महीने तक उनका प्रार्थना पत्र होम मिनिस्ट्री में पड़ा रहा। अंत में उनको मना कर दिया गया और उनको सड़क मार्ग से चलना पड़ा'।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि 'पुलवामा में 40 जवान शहीद हुए वो सरकार की गलती से हुए, मुझे चुप रहने के लिए कहा गया। पुलवामा हमला हमारी गलती से हुआ था, इन लोगों ने जवानों की लाशों पर खड़े होकर लोकसभा चुनाव-2019 लड़ा था। घटना के दूसरे दिन मैं मौके पर गया। वहां उस हाईवे पर दस सड़कें आकर मिलती हैं, लेकिन वहां कोई जिप्सी नहीं थी। लापरवाही से हमने अपने बच्चों को मरवा दिया। सत्यपाल मलिक ने कहा कि 'मुझे चुप रहने को कहा गया, मैंने समझा कि यह लोग इसकी जांच करवाएंगे या पाकिस्तान की तरफ मोड़ देंगे, लेकिन आज तक पुलवामा हमले की जांच नहीं हुई। अगर इसकी जांच होती तो होम मिनिस्टर का इस्तीफा होता। कई अफसरों को जेल होती और बहुत बड़ा फसाद होता।

राम दरबार की स्थापना में पहुंचे

बानसूर के फतेहपुर गांव में राम दरबार मूर्ति स्थापना समारोह में शामिल होने पर पहुंचे पूर्व राज्यपाल का लोगों ने भव्य स्वागत किया। आयोजकों ने मलिक को माला पहनाकर उनकी अगवानी की।