जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

इस बार प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिन्दू धार्मिक स्थलों से वो दूरी नहीं बनाई जो हमेशा धर्म किरपेक्षता के चलते वो रखती रही है।  इसी का नतीजा रहा कि गहलोत के इस कार्यकाल में देवस्थान विभाग हिन्दू  प्रति काफी सजग और सक्रीय रहा। मंत्री और विधायक पिछले कुछ महीने से मंदिरों की कतार में लगे हुए हैं। इस बीच, सरकार भी त्योहारों पर कोई न कोई आयोजन कर खुद को आस्थावान जताने की कोशिशों में जुटी हुई है।

आमतौर पर भाजपा कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है। इस बीच, अब कांग्रेस खुद को सर्वधर्म सहिष्णु दिखाने की कोशिश में है। सरकार के देवस्थान विभाग ने अब गुरु-पुष्य संयोग पर सभी मंदिरों में पीली पताका फहराने का फैसला किया है। उन्होंने जयपुर के श्रीराम मंदिर परिसर में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। पिछले करीब छह-सात माह में विभाग ने मंदिरों में सहस्त्र घट सहित कई प्रकार के आयोजन भी किए।

नाथद्वारा के रेलमगरा स्थित जलदेवजी माताजी मंदिर सांसेरा में विकास कार्य कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 10 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी है।

ऊँ लिखा होगा पताका, सरकार का उद्देश्य-‘सेवा परमो धर्म’

मंत्री रावत ने बताया कि पुष्य दुर्लभ संयोग है और इस अवसर पर ‘ऊँ’ लिखा पीला ध्वज प्रदेश के सभी देवस्थान मंदिरों में लगाया जाएगा। इसकी शुरुआत गुरुवार सुबह 7 बजे बड़ी चौपड़ स्थित कल्कि मंदिर से की जाएगी।

पीला रंग गुरु को समर्पित है और ओम शक्ति का प्रतीक है। प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना स्वरूप देवस्थान विभाग नई शुरुआत कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इस शुरुआत का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्येय वाक्य ‘सेवा परमो धर्म’ के माध्यम से प्रदेश में खुशहाली का परचम लहराना है।

593 मंदिरों के रंग-रोगन पर 593 लाख रुपए खर्च होंगे

देवस्थान विभाग के तहत 593 मंदिर हैं। इनके रखरखाव के लिए 593 लाख रुपए दिए गए हैं। मंदिरों का रंग-रोगन व साज-सज्जा होगी। पुजारियों का मानदेय भी 3 हजार से 5 हजार रु. किया गया है।

गोविंद देव का उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकास किया जाएगा। चित्तौड़गढ़ में जलझूलनी एकादशी पर सांवरिया सेठ के मेले में बस किराए में 50 फीसदी की छूट की घोषणा भी की गई है।

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रियों की संख्या अब 40 हजार होगी

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना के अंतर्गत 20 हजार वरिष्ठ नागरिकों के स्थान पर अब 40 हजार को यात्रा कराई जाएगी। इनमें से 36 हजार वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन से तीर्थ यात्रा कराई जाएगी।

तीर्थ यात्रा के लिए अयोध्या, बैद्यनाथ और श्रवणबेलगोला जैसे तीर्थ जोड़े गए हैं और इस सूची में कई नए तीर्थ और जोड़े जाएंगे।