बांसवाड़ा ब्यूरो रिपोर्ट। 

चुनावी साल में डूंगरपुर-रतलाम रेलवे प्रोजेक्ट को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच रेलवे ने इस पर काम शुरू करने का फैसला लिया है। वर्ष 2019 से फ्रीज इस प्रोजेक्ट को फिर से डी-फ्रीज कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड के ज्वॉइंट डायरेक्टर (सिविल) ने उत्तर पश्चिम रेलवे के जीएम को सोमवार को ही पत्र लिखकर इस 188.85 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट को डी-फ्रीज करने के आदेश दिए हैं।

इसके अलावा उन्होंने प्रोजेक्ट का फिर से एस्टीमेट बनाकर रेल मंत्रालय को भेजने को भी कहा है। यही नहीं, रेलवे ने अपने हिस्से का 50 फीसदी काम भी शुरू करने की तैयारी कर ली है। साथ ही राज्य सरकार को भी उनके हिस्से का 50 फीसदी काम के लिए रेलवे लगातार कहता रहेगा, ताकि यह काम जल्द पूरा हो सके। रेलवे पहले से अधिग्रहीत जमीन उन्हें सौंपने के लिए भी राज्य सरकार से मांग करेगा ताकि काम में कोई रुकावट नहीं रहे।

2082 करोड़ का प्रोजेक्ट, 12 साल में 6 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंचा

वर्ष 2011 में जब यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था तो इसकी लागत 2082 करोड़ रुपए थी। लेकिन लगातार आ रही अड़चनों के चलते यह प्रोजेक्ट खिंचत चला गया। प्रोजेक्ट की शुरुआत में 59.60 करोड़ का मुआवजा भी बांट दिया गया था। उसी जगह अब वापस खेत, मकान और ईंट के भट्टे बन गए हैं। 2019 में प्रोजेक्ट फ्रीज होने के बाद तो लोगों ने कब्जे कर लिए। ट्रैक के दोनों ओर मक्के और कपास की खेती हो गई है। लोग बोलने लगे हैं कि घर का मुआवजा मिला नहीं, देने पर ही जमीन छोड़ेंगे। फिर से एस्टीमेट तैयार किया जाता है तो यह प्रोजेक्ट 6 हजार करोड़ के पार पहुंचेगा।

गुजरात और दिल्ली-मुंबई से जुड़ेंगे बांसवाड़ा-डूंगरपुर :

188.85 किलोमीटर लंबी डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना पर 17 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसके पूरा होने से क्षेत्र की कनेक्टिविटी दिल्ली व मुंबई से हो जाएगी। वाया अहमदाबाद होकर मुंबई से जुड़ेगा और वाया जयपुर होकर दिल्ली से। अभी डूंगरपुर-बांसवाड़ा व रतलाम क्षेत्र के लोग आपस में बस मार्ग से जुड़े हैं। बांसवाड़ा को थर्मल प्लांट के कोयला की रैक आसानी से मिलना शुरू हो जाएगी। बांसवाड़ा के पास रतलाम-दाहोद क्षेत्र में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रस्तावित है।

रेलमंत्री पहले भी दे चुके हैं संकेत, केंद्र प्लान बना रहा

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव बांसवाड़ा रेलवे प्रोजेक्ट को लेकर पहले भी संकेत दे चुके हैं। गत 11 फरवरी को रेलमंत्री ने भास्कर के ही सवाल पर कहा था कि इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी राज्य सरकार के खाते में जाती है। अगर वो जमीन दें तो कल ही काम शुरू करवा देंगे। इसके अलावा गत 4 अप्रैल को डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद कनकमल कटारा और रेलमंत्री वैष्णव के बीच मुलाकात के दौरान भी रेलमंत्री ने भरोसा दिलाया था कि इस प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू करने के लिए केंद्र सरकार प्लान तैयार कर रही है।