जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में सरकार राहत कैंप में 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने का रजिस्ट्रेशन कर रही है, लेकिन हालात ये हैं कि वर्तमान में उपभोक्ता को 50 यूनिट बिजली फ्री सब्सिडी से ज्यादा फ्यूल सरचार्ज चुकाना पड़ रहा है।

कई उपभोक्ताओं को दी जा रही सरकारी बिल के अनुदान से ज्यादा से छह गुना व दो गुना ज्यादा फ्यूल सरचार्ज वसूला जा रहा है। प्रदेश के 80 लाख से ज्यादा उपभोक्ता से 45 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज की वसूली हो रही है।

वहीं अगले महीने जून के बिल में 52 पैसे के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज वसूला जाएगा। ऐसे में अगले महीने फ्यूल सरचार्ज की राशि में 15 प्रतिशत तक ज्यादा वसूली होगी। सरकार एक हाथ से बिजली बिल में अनुदान दे रही, दूसरे हाथ से छह गुना तक फ्यूल सरचार्ज की वसूली कर रही है।

केस-1 : पुराना घाट सबडिवीजन के उपभोक्ता रहीम खान (खाता नं. 22050168) के बिल में सब्सिडी 589 दी गई है, जबकि बिल में फ्यूल सरचार्ज 3443 रु. है। यानी सब्सिडी से छह गुना सरचार्ज लगाया है।

केस-2 : बारां सबडिवीजन के खाता नं. 18790787 (शैला देवी) के बिल में सरकारी अनुदान 660 रु. है, जबकि बिल में फ्यूल सरचार्ज 1159 रु. जोड़ दिया है। यानी अनुदान से दोगुना फ्यूल सरचार्ज।

केस-3 : विद्याधर नगर सबडिवीजन में उपभोक्ता पदमचंद के बिल में फ्यूल सरचार्ज 1961 रु. है, जबकि सरकारी अनुदान 2619 है।

केस-4 : झोटवाड़ा की उपभोक्ता शकुंतला देवी (के नं. 210474018103) के बिल में फ्यूल सरचार्ज 1136 रु. जोड़ा है, जबकि उनके बिल में 750 का अनुदान दिया है। यानी करीब दोगुनी राशि वसूली जा रही है।

तीन माह से वसूल रहे फ्यूल सरचार्ज (पैसे प्रति यूनिट)

  • अप्रैल 2022 से जून 2022 19 पैसे
  • जुलाई 2022 से सितंबर 2022 45 पैसे
  • अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 52 पैसे

स्टील उद्योगों पर 50 लाख के फ्यूल सरचार्ज
राजस्थान स्टील चैंबर के महासचिव सुदेश शर्मा का कहना है कि स्टील फैक्ट्रियों के कनेक्शन पर 50 लाख रुपए का फ्यूल सरचार्ज लगाया है। तीन महीने में एक से डेढ़ करोड़ रुपए का सरचार्ज जमा करवाना पड़ रहा है। डिस्कॉम से सरचार्ज की किश्त करने की मांग की है। फैक्ट्रियों पर आर्थिक संकट है।

ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने के नाम पर केवल खानापूर्ति
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने फ्यूल सरचार्ज की गणना स्वतंत्र ऑडिटर से करवाने के निर्देश दे रखे हैं। इसके वेरीफिकेशन के बाद लागू किया जाता है। बिजली खरीद की परिवर्तित वास्तविक राशि व आयोग से निर्धारित रेट का अन्तर फ्यूल सरचार्ज के रूप में त्रैमासिक आधार पर वसूली का प्रावधान है। स्वतंत्र ऑडिटर की वेरिफाइड रिपोर्ट व फ्यूल सरचार्ज की गणना का विवरण निगम की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है।

लेकिन डिस्कॉम पूरी ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बजाय केवल दो पेज वेबसाइट पर अपलोड कर खानापूर्ति कर देती है। इससे उपभोक्ता को फ्यूल सरचार्ज की वास्तविक वजह की जानकारी नहीं लग पाती है। जबकि आरईआरसी ने फ्यूल सरचार्ज ऑडिट रिपोर्ट की पूरी डिटेल सार्वजनिक करने के निर्देश दे रखे हैं।