करौली ब्यूरो रिपोर्ट।  

सीबीआई के अधिकारी बनकर अपहरण और ठगी के 6 आरोपियों को मामचारी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने आरोपियों से 2 एसयूवी कार भी जब्त किए हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से पुलिस अधिकारी, सीबीआई और पत्रकारों की कई फर्जी आईडी मिली हैं। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से 5 आरोपियों को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, जबकि महिला को जेल भेज दिया है।

मामचारी थाना अधिकारी ओमेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने मुस्कान (24) पत्नी अजय सिंह निवासी आरकेपुरम दिल्ली, हाल निवासी तमरेर थाना कुम्हेर जिला भरतपुर, मनीष (27) पुत्र कमलेश निवासी आरकेपुरम दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली, प्रवीण (24) पुत्र रामब्रिज निवासी आरके पुरम सीपीडब्लयूडी दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली, मोहरसिंह (32) पुत्र रामफूल निवासी बिनेगा थाना पीलोदा हाल निवासी रोहिणी अवंतिका नार्थ वेस्ट दिल्ली, अजय सिंह (23) पुत्र विजयसिंह निवासी तमरेर थाना कुम्हेर जिला भरतपुर, बिहारी लाल (32) पुत्र रामसहाय निवासी दीपपुरा थाना कुडगांव को गिरफ्तार किया है। मामचारी थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों के पास से 2 कार जब्त किए हैं। थानाधिकारी ने बताया की सीबीआई, पत्रकार और पुलिस की फर्जी आईडी मिली है। आरोपियों ने बताया कि गंगापुर, सपोटरा और दिल्ली में ऐसी वारदात को पहले अंजाम दे चुके हैं। कड़ी पूछताछ में उन्होंने इंटरनेट से सीबीआई की डुप्लीकेट आईडी पर अपना फोटो और नाम लगाकर लोगों को डरा धमकाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया कि लग्जरी लाइफ जीने के लिए फिल्मी अंदाज में ठगी करते हैं।

बुधवार रात 12 बजे 2 गाड़ियों में आधा दर्जन बदमाश करसाई की मीना बस्ती में पहुंचे। जहां अपने घर में सो रहे शिवसिंह पुत्र रामदयाल उसकी पत्नी मनीषा को चारपाई सहित उठा कर ले गए। रास्ते में शिवसिंह के साथ मारपीट करने लगे। मनीषा ने हल्ला मचाया और परिजनों को आवाज लगाई। आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने दंपती को छुड़ाकर बदमाशों को पकड़ लिया। आरोपी अपने आप को भ्रष्टाचार ब्यूरो निरोधक दिल्ली के अधिकारी बता रहे थे। साथ ही ग्रामीणों को धमका रहे थे कि उनके साथ गलत हुआ तो अंजाम बुरा होगा। ग्रामीणों ने शक होने पर मामचारी पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर बदमाशों को पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में आरोपियों ने वारदात करने की बात स्वीकार कर ली। बदमाशों ने बताया कि अपहरण से पहले उस जगह की पहले रैकी करते हैं। जांच पड़ताल करने के बाद मौका पाते ही अपहरण कर ले जाते हैं। इसके बाद उन्हें पुलिस केस में फंसाने की धमकी देकर डराते हैं। पीड़ित डर कर फर्जी सीबीआई अधिकारियों से ले देकर मामला रफा-दफा कर लेते हैं। बदमाशों ने करीब 20 दिन पहले करौली के एक बोलेरो ड्राइवर को सीबीआई में अपनी गाड़ी लगाने की बात कही। आरोपियों ने उसे फंसाने के लिए फर्जी आईडी दिखाकर विश्वास दिलाया। ड्राइवर को 40 हजार रुपए प्रति माह किराया, डीजल और रहने का खाने का खर्च देने पर राजी किया।