जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

सेंटर फॉर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग ने साल 2023 एडिशन की रैंकिंग जारी कर दी है। रैंकिंग में राजस्थान यूनिवर्सिटी पिछड़ गई है। पिछले साल आरयू की ग्लोबल रैंक 1817 व नेशनल रैंक 53 रही थी। इस साल आरयू की ग्लोबल रैंक 1899 व नेशनल रैंक 58 है। उधर, रैंकिंग में टाॅप-2000 संस्थानों में भारत के 64 संस्थान भी शामिल हैं। आईआईएम अहमदाबाद 419वीं ग्लोबल रैंक के साथ देश में पहले स्थान पर है। आईआईएस बेंगलुरु ने वैश्विक स्तर पर 494 रैंक हासिल की है। इसकी नेशनल रैंक दूसरी है। आईआईटी बॉम्बे की ग्लोबल रैंक 554 और नेशनल रैंक तीन है। रोजगार दिलाने के लिहाज से आईआईएम अहमदाबाद सबसे आगे है। इस कैटेगिरी में आईआईटी दिल्ली की रैंक आईआईटी बॉम्बे से बेहतर आई है।

ओवरऑल पिछड़ने के बावजूद आरयू कई नामी संस्थानों से आगे
2012 से हो रही रैंकिंग

सेंटर फाॅर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग सरकारी विश्वविद्यालयों को सलाह, बेहतर करने के सुझाव, क्वालिटी एजुकेशन आदि की सलाह देने वाला संस्थान है। यह रैंकिंग साल 2012 से की जा रही है।

2019 से शामिल हुई आरयू
2018 तक 1000 संस्थानों की रैंकिंग होती थी। 2019 में दायरा बढ़ाते हुए यूनिवर्सिटीज की संख्या 2000 तक कर दी गई। 2019 से आरयू ने पहली बार इस रैंकिंग में जगह बनाई। इस साल राजस्थान विश्वविद्यालय की रैंकिंग पिछले चार सालों की तुलना में खराब रही है।

ऐसी रही राजस्थान विवि की रैंकिंग
साल ग्लोबल नेशनल
2022 1817 53
2021 1698 48
2020 1669 45
2019 1759 50

पैरामीटर्स पर होती है संस्थान की रैंकिंग
एजुकेशन
: इसमें संस्थान की एल्युम्नाई की शैक्षणिक सफलता को देखा जाता है। पूर्व छात्रों की इस क्षेत्र में हासिल उपलब्धि को परखा जाता है। इसका वेटेज 25% होता है।
इम्प्लॉयबिलिटी: इसमें पूर्व छात्रों की प्रोफेशनल सक्सेस को देखा जाता है। बड़ी कंपनियों में टॉप पोजिशन पर काम कर रहे छात्रों को देखा जाता है। इसका वेटेज 25% रहता है।
फैकल्टी: इस कैटेगिरी में संस्थान में कार्यरत फैकल्टी की पर‌फॉर्मेंस देखी जाती है। इसका रैंकिंग में वेटेज 10 प्रतिशत तक रहता है।
रिसर्च: संस्थान के कितने रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए। टॉप जर्नल्स में संस्थानों के रिसर्च पेपर्स की संख्या और साइटेशन काे देखा जाता है। इसका वेटेज 40% रहता है।