जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

बजरी के अवैध परिवहन पर लगाम के लिए खान विभाग ने वाहनों पर जुर्माना बढ़ाया है। अब अवैध बजरी परिवहन पर पहली बार 5 लाख और 10 गुना राॅयल्टी देनी होगी। यानी 5.25 लाख रु. से अधिक जुर्माना लगेगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर वाहन की शाेरूम कीमत का 50% व करीब डेढ़ लाख रु. जुर्माना लगेगा।

जब्ती के एक महीने तक वाहन नहीं छुड़ाया तो नीलाम कर दिया जाएगा। खान विभाग की उप सचिव नीतू बारूपाल ने ये आदेश जारी कर तत्काल लागू करने को कहा है। इसमें कहा है कि एनजीटी के आदेश से एक लाख रुपए पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में जुर्माना पहले से वसूला जा रहा है।

अब स्लैब के अनुसार श्रेणी वार अतिरिक्त जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा बजरी की जाे राॅयल्टी राशि बनती है, उसका 10 गुना जुर्माना भी पहले की तरह लगाने का प्रावधान है। बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद प्रदेश में अवैध बजरी खनन जमकर हुआ। इसके बाद सुप्रीम काेर्ट की एम्पावर्ड कमेटी और एनजीटी ने मामला टेकअप किया। गाड़ी के शाेरूम प्राइज की तुलना में वसूली के आदेश ताे एनजीटी ने वर्ष 2019 में दिए थे, जिसे लागू किया गया है।

पहली बार ये लगेगा

  • वाहनाें, उपकरणाें, एक्सकेवेटर्स जिनका शाेरूम मूल्य 25 लाख रुपए से अधिक और पांच साल से कम पुराने हाेने पर 4 लाख का जुर्माना लगेगा।
  • वाहनाें, उपकरणाें, एक्सकेवेटर्स जिनका शाेरूम मूल्य 25 लाख से अधिक और पांच साल से अधिक लेकिन 10 वर्ष से कम पुराने हाेने पर 3 लाख का जुर्माना लगेगा।
  • शेष वाहन, जाे 10 वर्ष से अधिक पुराने हैं उन पर 2 लाख का जुर्माना लगेगा।

अवैध खनन पर मुनाफे से ज्यादा अब नुकसान हाेगा

अवैध खनन करने वालाें काे मुनाफे की तुलना में पहली बार में आठ से 10 गुना तक का नुकसान हाेगा। माना जा रहा है कि इसी के डर से अवैध परिवहन पर लगाम लगी ताे अवैध खनन भी बंद हाे जाएगा। ऑल राजस्थान बजरी-ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि विभाग ने फैसला जिस मंशा से लागू किया है, वह फील्ड में भी लागू हो। क्योंकि खान, परिवहन और पुलिस अवैध से अधिक वैध ट्रक ऑपरेटरों पर कार्रवाई करते हैं।