कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बाघिन एमटी 4 की मौत हो गई। बाघिन एमटी-4 कुछ दिनों से बीमार थी। मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक शारदा प्रताप सिंह ने बाघिन एमटी 4 की मौत की पुष्टि की है। सिंह ने बताया कि एनटीसीए के प्रोटोकॉल के अनुसार डॉक्टरों की टीम ने 1मई को उसका इलाज भी किया था। 3 मई को बाघिन वापस अस्वस्थ्य नजर आई। डॉक्टरों की टीम ने आज इलाज का प्लान किया था। सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर ट्रेंकुलाइज किया। उसके पेट से 5 सूखे मल के टुकड़े निकले। उसे एनीमा दिया गया। बाघिन 10 बजकर 38 मिनट पर रिवाइज हुआ। करीब 1 बजकर 15 मिनट पर उसने तीन बार सांस ली और दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के लिए बाघिन को नाके पर लाया जा रहा है।

जंगल मे पोर्टेबल एक्सरे मशीन ले गए

बाघिन के स्वास्थ्य परीक्षण में आंतों में सूजन का पता लगा था। बाघिन के दुबारा अस्वस्थ्य होने पर वन विभाग के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से टेक्निकल सलाह ली। जिसके बाद आज सुबह बाघिन के इलाज के लिए रणथंभोर व कोटा की टीम मुकंदरा पहुंची। बाघिन का मलाशय बाहर निकला हुआ था। टीम को बाघिन के गर्भवती होने, पेट मे गांठ होने का अंदेशा था। मौके पर पॉर्टेबल एक्सरे मशीन ले जाई गई। और बाघिन का एक्सरे किया गया।

जानकारों की मानें तो एक समय था जब मुकंदरा टाइगर रिजर्व में बाघों के कुनबे में शावकों को समेत 6 बाघ हो गए थे। इनमें से साल 2020 में एक बाघ व एक बाघिन की मौत हो गई थी। एक शावक गुम हो गया था। एक शावक की मौत हो गई थी। टाइगर रिजर्व के पहले बाघ तो लापता हो गया। फिलहाल मुकुंदरा में एक ही एमटी 4 बाघिन थी। साल 2020 में बाघ बाघिन की मौत के दो साल बाद रणथंभौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर से 3 नवंबर 2022 को एक 6 साल का नर बाघ T- 110 को स्वस्थ्य परीक्षण के बाद मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया था।

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट आदिल सेफ ने बताया कि एमटी 4 बाघिन रणथंभोर में टी 83 नाम से जानी जाती थी। बाघिन मछली इसकी नानी थी। बाघिन मछली की बेटी कृष्णा ने तीन शावकों को जन्म दिया था। जिनमें 2 मादा व 1 नर था। एमटी -4 बाघिन कृष्णा की बेटी थी। आमतौर पर बाघ बाघिन काफी एग्रेसिव होते है और आबादी क्षेत्र से दूर रहते है। लेकिन एमटी 4 स्वभाव से काफी नरम व भोली थी। उसने इंसानों पर कभी हमला नहीं किया। अपने सरल स्वभाव के कारण वो आसानी से आबादी क्षेत्र में घूमते देखा गया। कई बार सरसो के खेत में बैठे देखा गया। एमटी 4 ने रावठा से गुड्डू का माला व लक्ष्मीपुरा के आसपास अपनी टेरीटरी बना रखी थी।

बाघ एमटी 3 से जोड़ा बनाने के लिए लाए थे

रणथंभौर से भटकता हुआ एक नर बाघ एमटी-3 दरा के जंगलों में आ गया था। एनक्लोजर के बाहर आकर बैठ गया था। उससे जोड़ा बनाने के लिए अप्रैल 2019 में एमटी-4 को रणथंभौर से कोटा लाया गया। साल 2020 में एमटी 3 की मौत हो गई। बाघिन एमटी 4 अकेली रह गई। जबकि एन्क्लोजर के अंदर रहने वाले जोड़े में से बाघिन की भी मौत हो गई। और नर बाघ लापता हो गया। मुकंदरा बाघ विहीन हो गया था। टाइगर रिजर्व में केवल एमटी 4 बाघिन ही बची थी।

साल 2020 में पैर में चोट लगी

एमटी 4 साल 2020 में घायल हो गई थी। उसके पैर में चोट लग गई थी। उसे इलाज के लिए अभेडा बायलोजिकल पार्क में लाया गया। डॉक्टरों की टीम ने उसके पैर का इलाज किया। फिर इलाज के बाद अप्रैल महीने में उसे सॉफ्ट एन्क्लोजर में लाया गया। फिर कुछ दिन बाद खुले में विचरण के लिए छोड़ दिया गया।

पिछले साल नवंबर के महीने में रणथंभोर से एक नर्त बाघ कोटा शिफ्ट किया गया। कई बार बाघ बाघिन नज़दीक तक आए लेकिन उनकी मेटिंग नहीं हो पाई। दिसंबर अंत में बाघ बाघिन की मेटिंग हुई। दोनों को कई बार साथ साथ देखा गया। सबको लग रहा था अब मुकंदरा से अच्छी खबर आने वाली है। इस दौरान अप्रैल महीने में बाघिन के अस्वस्थ्य होने की जानकारी सामने आई। बाघिन अपनी जगह से ज्यादा मूवमेंट नहीं कर रही। उसका बर्ताव भी ठीक नहीं था। तक जाकर बाघिन के इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई। रणथंभौर से मेडिकल टीम बुलाई गई।