जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में सरकारी महकमों के वाहनों की पेट्रोल पंपों पर लगभग 400 करोड़ की उधारी हो गई है। सरकारी महकमें एक-एक साल तक पैसे नहीं चुका रहे। उधारी और राजस्थान में सबसे ज्यादा वैट से परेशान राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 5 मई से प्रदेश में सरकारी वाहनों को उधारी का पेट्रोल-डीजल नहीं देने का फैसला किया है। इसके साथ ही 15 मई को जयपुर में सांकेतिक धरना देने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में 6227 पेट्रोल पंप है, इनमें कई पंपो से सरकारी महकमों के वाहनों में डीजल-पेट्रोल के पूर्ति की जाती है। अशोक जयसिंघानी ने बताया- राज्य सरकार से उधारी दिलवाने और वेट कम करने को लेकर कई बार आग्रह किया जा चुका है, पंप मालिकों ने ट्विटर पर अपनी बात रखी। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदेश में 5 मई से सरकारी वाहनों की उधारी बंद की जा रही है। सरकार महंगाई राहत कैंप लगा रही है लेकिन प्रदेश में पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं कम कर रही है।

पेट्रोल पंप संचालकों का आंदोलन कार्यक्रम

  • 5 मई को सरकारी विभागों को उधार में डीजल, पेट्रोल की आपूर्ति बंद।
  • 15 मई को शहीद स्मारक जयपुर में राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा सांकेतिक धरना दिया जाएगा।
  • 30 मई को पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा हड़ताल विरोध जाहिर किया जाएगा।
  • 15 जून को राज्य के समस्त पेट्रोल पंप अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।

बॉर्डर पर 240 पंप बंद, दूसरे राज्यों की बिक्री बढ़ी

मीडिया प्रभारी अशोक जयसिंघानी बताया कि गत दिनों एसोसिएशन ने प्रदेश स्तर पर सर्वे किया तो सामने आया कि पंजाब, हरियाणा और गुजरात आदि के बॉर्डर से जुड़े करीब 240 पंप बंद हो चुके हैं। हमारे यहां रेट ज्यादा होने के कारण गाड़ी मालिक अन्य प्रदेशों से डीजल- पेट्रोल भरवाना पंसद कर रहे है, बॉर्डर के पंपों के हालत खराब हो गए अन्य प्रदेशों में बिक्री बढ़ गई।

पुलिस, निगम, पालिकाओं का ज्यादा बकाया चल रहा

पंप मालिकों ने बताया कि सबसे ज्यादा उधार पुलिस महकमे का रहता है, पंप मालिकों को एक-एक साल तक अपना बकाया नहीं मिल पाताजब कि बड़ी तादाद में यह महकमा डीजल लेता है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के नगर निगमनगर परिषद और पालिकाओं में बड़ी उधारी है।