सवाई माधोपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

रणथम्भौर में बाघ बाघिनों और शावकों के गायब होने का सिलसिला लगातार जारी है। रणथम्भौर में बाघिन टी-39 नूर के दो शावक, बाघिन-138, बाघ टी-3, बाघिन टी-99 के दो शावक, टी-79 का शावक, युवा बाघ टी-131 पहले ही गायब हो चुके हैं। अब रणथम्भौर की खण्डार रेंज से बाघ टी-38 के गायब होने की खबर आई है। यह बाघ पिछले पांच माह से वन विभाग को नजर नहीं आ रहा है। इस दौरान वन विभाग को बाघ के पगमार्क नहीं मिल रहे हैं और ना ही बाघ वन विभाग के फोटो टौप कैमरों में कैद हुआ है। पिछले कुछ समय में रणथम्भौर की कई रेंजों से बाघों के लगातार गायब हुए है, लेकिन वन विभाग इन सब मामलों में चुप्पी साधे हुए है।

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघ टी-38 का मूवमेंट आम तौर पर रणथम्भौर की खण्डार रेंज में था। इस बाघ का मूवमेंट खण्डार के तारारागढ़ दुर्ग वन क्षेत्र में रहता था। आखिरी बार 4 दिसम्बर 2022 को इसी क्षेत्र में लगे फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हुआ था। यह बाघ पूर्व में टेरेटरी की तलाश में रणथम्भौर से निकलकर मध्यप्रदेश के जंगलों में चला गया था। यह बाघ रणथम्भौर से सटे MP के कूनो सेंचुरी में चला गया था। बाघ ने कूनो में ही अपनी टेरेटरी बना ली थी। यह बाघ करीब आठ साल तक कूनो में ही रहा था। साल 2020 में यह बाघ वापस रणथम्भौर लौट आया था। इसके बाद बाघ रणथम्भौर में रह रहा था। वन अधिकारियों की माने तो फिर से एक बार बाघ टी-38 के MP की ओर जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बाघिन टी-13 की संतान है बाघ टी-38

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघ टी-38 बाघिन टी-13 की संतान है। यह बाघ पहली बार चार साल ही उम्र में रणथम्भौर से निकलकर टेरेटरी की तलाश में MP के जंगलों की ओर चला गया था। वर्तमान में बाघ की उम्र करीब 15 साल के आसपास है। मामले को लेकर क्षेत्रीय वनाधिकारी, खण्डार का कहना है कि यह सही है कि कई माह से टी-38 नजर नहीं आ रहा है। बाघ की उम्र करीब 15 साल के करीब है। पूर्व में भी यह बाघ कई सालों तक एमपी के जंगलों में रह चुका है। ऐसे में भी इसके एक बार फिर एमपी की ओर जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। बाघ की तलाश की जा रही है। इसके लिए विशेष टीम का गठन भी किया गया है।